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रमजान के पाक महीने की शुरुआत के अवसर पर ग्राम प्रधान अब्दुल्लाह बुखारी ने सभी ग्रामवासियों को शुभकामनाएं देते हुए सामाजिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि रमजान सिर्फ इबादत का महीना ही नहीं, बल्कि यह आत्मसंयम, दया और परोपकार की सीख देने वाला समय है।
ग्राम प्रधान अब्दुल्लाह बुखारी ने कहा, रमजान हमें प्रेम, करुणा और एकता का संदेश देता है। यह समय न केवल उपवास और इबादत का होता है, बल्कि जरूरतमंदों की मदद करने और समाज में सकारात्मकता फैलाने का भी होता है। हम सभी को धर्म, जाति और वर्ग से ऊपर उठकर मानवता की सेवा करनी चाहिए।
उन्होंने ग्रामवासियों से अपील की कि वे अपने आसपास के जरूरतमंद लोगों की मदद करें, एक-दूसरे की खुशियों में शामिल हों और समाज में सौहार्द बनाए रखें। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि गांव में सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर इस पाक महीने की गरिमा बनाए रखें और सद्भाव की मिसाल पेश करें।
इस अवसर पर गांव में एक विशेष आफ्टर आयोजन किया जायेगा , जहां विभिन्न समुदायों के लोगों ने मिलकर इफ्तार किया और आपसी भाईचारे का संदेश दिया। कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य लोगों ने भी सौहार्द और एकता की जरूरत पर जोर दिया।
ग्राम प्रधान ने प्रशासन और सभी नागरिकों से भी यह अपील की कि रमजान के दौरान साफ-सफाई, बिजली और पानी जैसी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि रोज़ेदारों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
अब्दुल्लाह बुखारी ने अंत में कहा हमारा देश विविधताओं में एकता का प्रतीक है। हमें मिलकर इस एकता को और मजबूत बनाना है, ताकि समाज में शांति, प्रेम और भाईचारा कायम रहे। क्यों कि इंसानियत / मानवता सबसे बड़ी चीज है |
रोज़ा रखने के वैज्ञानिक फायदे: शरीर और मन दोनों के लिए लाभकारी
रमजान के महीने में रोज़ा (उपवास) रखना इस्लाम का एक अहम स्तंभ है, जो न सिर्फ धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी बहुत फायदेमंद है। यह आत्मसंयम और आध्यात्मिक शुद्धि के साथ-साथ शरीर और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी कई लाभ प्रदान करता है। आइए जानते हैं रोज़ा रखने के बहुत सारे वैज्ञानिक फायदे हैं |
1. पाचन तंत्र को आराम मिलता है
रोज़ा रखने से शरीर को एक प्राकृतिक डिटॉक्स (शुद्धिकरण) का अवसर मिलता है। जब हम उपवास करते हैं, तो पाचन तंत्र को आराम मिलता है, जिससे शरीर विषैले तत्वों (toxins) को बाहर निकालने में सक्षम होता है। यह लिवर, किडनी और पेट को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
2. वजन नियंत्रण और चयापचय (Metabolism) में सुधार
रोज़ा के दौरान शरीर ऊर्जा के लिए संग्रहीत फैट (stored fat) का उपयोग करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, उपवास से इंसुलिन संवेदनशीलता (insulin sensitivity) बढ़ती है, जिससे मधुमेह (डायबिटीज) के खतरे को कम किया जा सकता है।
3. हृदय स्वास्थ्य में सुधार
विज्ञान के अनुसार, रोज़ा रखने से कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रित रहता है, जिससे हृदय रोगों (Heart Diseases) का खतरा कम हो जाता है। रोज़ा के दौरान स्वस्थ खान-पान अपनाने से रक्तचाप (Blood Pressure) और हृदय की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
4. मस्तिष्क (Brain) के लिए फायदेमंद
उपवास करने से दिमाग में बीडीएनएफ (Brain-Derived Neurotrophic Factor) नामक प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है, जो नई तंत्रिका कोशिकाओं (Neurons) के निर्माण में मदद करता है। इससे याददाश्त और मानसिक स्पष्टता (Mental Clarity) में सुधार होता है।
5. सूजन (Inflammation) को कम करता है
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि रोज़ा रखने से शरीर में एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-Inflammatory) प्रभाव पड़ता है, जिससे गठिया (Arthritis), अस्थमा (Asthma) और अन्य सूजन संबंधी रोगों से बचाव होता है।
6. कैंसर के खतरे को कम कर सकता है
रिसर्च के अनुसार, उपवास करने से शरीर की क्षतिग्रस्त कोशिकाएं ऑटोफैगी (Autophagy) प्रक्रिया के माध्यम से खुद को रिपेयर करती हैं, जिससे कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।
7. मानसिक शांति और आत्मनियंत्रण
रोज़ा सिर्फ शरीर के लिए नहीं, बल्कि मानसिक शांति के लिए भी फायदेमंद होता है। उपवास के दौरान तनाव (Stress) और चिंता (Anxiety) कम होती है, जिससे आत्मसंयम और धैर्य बढ़ता है। ध्यान और प्रार्थना से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
बताते चलें कि रोज़ा रखना न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह शरीर और दिमाग दोनों के लिए एक प्राकृतिक उपचार भी है। यह पाचन तंत्र को सुधारने, वजन नियंत्रित करने, हृदय को स्वस्थ रखने और मानसिक स्पष्टता बढ़ाने में मदद करता है। यही कारण है कि वैज्ञानिक भी उपवास को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानते हैं।
रमजान मुबारक! अल्लाह हमें इस पाक महीने की बरकतें नसीब करे।