जिम्मेदारों की मिली भगत से सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने का आरोप

गुरु जी की कलम से

शोहरत गढ़ तहसील अंतर्गत विकासखंड बढ़नी थाना,ढेबरुआ क्षेत्र के ग्राम पंचायत घरुआर के मधवानगर गांव में जिम्मेदारों की मिली भगत से सरकारी जमीनों पर फर्जी तरीके से पट्टा मिल ने का आरोप ग्राम वासियों ने लगाया है फर्जी पट्टे के आधार पर कुछ लोग ग्राम समाज की भूमि पर भी कब्जा कर रहे हैं।

बताया जाता है कि बढ़नी से मधवा नगर होते हुए बैरीहवा जाने वली सड़क पर कुछ लोग बंजर भूमि पर भी अस्थाई निर्माण कर लिये उत्तर प्रदेश सरकार अभियान चलाकर सरकारी व सार्वजनिक स्थलों पर किए गए अतिक्रमण और स्थाई निर्माण को हटवाने का कार्य कर रही है ।

वहीं राजस्व विभाग में बैठे कुछ के मिली भगत से कुछ लोग गड्डे और पोखरा के भीटे पर भी बेरोकटोक कब्जा कर रहे हैं वहीं कुछ अधिकारी ऐसे कार्यो में संलिप्त होकर मौज करने में लगे हुए हैं।

जिससे सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा रुकने का नाम नहीं ले रहा।

शोहरतगढ़ तहसील अंतर्गत ढेबरुआ थाना क्षेत्र के मधवानगर गांव निवासी घनश्याम चौधरी, बटुकनाथ पांडेय, बजरंगी गुप्ता, कृष्ण मोहन चौधरी, राजू गौतम, शिव प्रसाद यादव, जय प्रकाश चौधरी, शैले यादव, सुरेश , सोमई आदि लोगों ने कहा कि हम लोग कई बार मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत करते हुए, डीएम, एसडीएम, विधायक , चौकी , थाने पर पुलिस व राजस्व विभाग से ग्राम सभा मधवानगर की सार्वजनिक जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे को हटवाये जाने की मांग कर चुके हैं।

उनका कहना है कि गांव के पूरब उच्च प्राथमिक विद्यालय के बगल गाटा संख्या 205जो कि ग्राम समाज की सार्वजनिक जमीन थी, जहां पर हम सभी लोगो के शादी विवाह, बारात, दुर्गा पूजा, होली आदि कार्यक्रम होते थे।

अभी कुछ वर्ष पहले गांव निवासी बाबूलाल पुत्र लक्ष्मण,विद्दा पत्नी स्वामी नाथ,चन्द्रावती पत्नी मुंशी, उर्मिला पत्नी रामदयाल, सुरेश पुत्र आज्ञाराम, पुष्पा पत्नी शिवाकांत, रमेश पुत्र ओमप्रकाश आदि लोगों ने पूर्व प्रधान व लेखपाल से मिली भगत कर बिना किसी डुग्गी मुनादी,व गांव में बिना किसी खुली बैठक किये,

इस जनपद के अखबारों में बिना सूचना प्रकाशित करवाये, गांव वालों के चोरी छिपे सिर्फ कागजों में कोरम पूरा कर फर्जी तरीके से अपात्र लोगों को आवासीय पट्टा बना दिया गया है।

कुछ लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत सदस्य बसंतराम, मिथलेश कुमार, संतरी व रघुनाथ आदि लोगों का फर्जी अंगूठा दस्तखत बना दिया गया है। जिन्हें उक्त संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध है।

गांव के जिन लोगों को पट्टा दिया गया है,उन लोगों के पास पहले से खेती की जमीन व रहने के लिए दो मंजिला पक्का मकान भी मौजूद हैं।

वहीं कुछ लोगों को मुख्यमंत्री आवास भी मिला हुआ है।काफ़ी दिनों के बाद जब जमीन की नापी करने के लिए लेखपाल आये तो हम गांव वालों को पता चला जिसके बाद हम लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर शासन प्रशासन को वास्तविक स्थिति सेअवगत कराते हुए जिला मजिस्ट्रेट के यहां वाद दाखिल किया
जो अभी विचाराधीन है।

मुकदमा न्यायालय में बिचारा धीन होने के बावजूद अपात्र पट्टा धारक लोग उक्त जमीन पर जबरदस्ती अवैध रूप से कब्जा करना चाहते हैं।

अवैध कब्जे के संबंध में बोलनें पर महिलाओं द्वारा फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी भी देते हैं। उक्त जमीन पर फर्जी तरीके से हुए आवासीय पट्टे को निरस्त करवाने के साथ ही,अवैध रूप से किये गये कब्जे को वहां से हटवाये जाने की मांग गांव वालों ने शासन एवं पशासन से किया है।

गांव के लोगों का कहना है कि ग्राम समाज की जमीन पर बिना किसी सहमति के चोरी छिपे लेखपाल द्वारा मोटी कमाई के चक्कर में दबंगों से मिलीभगत कर फर्जी तरीके से पट्टा बना दिया गया है। जिसके निरस्तीकरण के लिए हम गरीब किसान लोग पिछले चार वर्षों से कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा रहे हैं। अभी तक न्याय नही मिला है।

ग्राम माधवा नगर नगर पंचायत क्षेत्र बढ़नी से सटा हुआ है जिससे वहां के जमीनों की कीमत आसमान छू रही है इस प्रकार से करोड़ों रुपए की सरकारी संपत्ति को लोग अ वैध तरीके से कब्जा कर हथिया रहे हैं।

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