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परमात्मा उपाध्याय की रिपोर्ट
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई 2025 को शाम 5 बजे से लागू सीजफायर की शर्तें निम्नलिखित हैं, जैसा कि उपलब्ध जानकारी के आधार पर समझा जा सकता है:सभी सैन्य कार्रवाइयों पर रोक: दोनों देशों ने जमीन, हवा, और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति जताई। यह समझौता दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच दोपहर 3:35 बजे हुई फोन वार्ता के बाद हुआ।आतंकवाद पर भारत का कड़ा रुख: भारत ने स्पष्ट किया कि कोई भी आतंकी हमला युद्ध की कार्रवाई (Act of War) माना जाएगा। यह शर्त पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों पर सख्ती बरतने का संकेत देती है।कोई औपचारिक शर्त नहीं: विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस सीजफायर में पाकिस्तान की ओर से कोई पूर्व-शर्त या बाद की शर्तें नहीं रखी गईं। यह समझौता भारत की शर्तों पर हुआ, और पाकिस्तान ने बिना शर्त युद्धविराम के लिए सहमति दी।द्विपक्षीय समझौता: भारत ने इस सीजफायर को पूरी तरह द्विपक्षीय बताया, यानी इसमें किसी तीसरे पक्ष (जैसे अमेरिका) की मध्यस्थता को भारत ने खारिज किया। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता का दावा किया, जिसे भारत ने स्वीकार नहीं किया।आगे की वार्ता: 12 मई 2025 को दोनों देशों के बीच एक और दौर की बातचीत प्रस्तावित है, जिसमें व्यापक मुद्दों पर चर्चा और स्थायी शांति की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।अन्य नीतिगत फैसले यथावत: भारत ने सिंधु जल संधि के निलंबन और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने जैसे फैसलों को बनाए रखा है, जो सीजफायर के दायरे से बाहर हैं।नोट: पाकिस्तान ने सीजफायर लागू होने के कुछ घंटों बाद ही इसका उल्लंघन किया, जिसके कारण भारत ने सख्त जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी। यह दर्शाता है कि समझौते की स्थिरता और विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर पाकिस्तान की ओर से बार-बार उल्लंघन के इतिहास को देखते हुए।यह जानकारी समाचार स्रोतों और सोशल मीडिया पोस्ट्स पर आधारित है। स्थिति बदल सकती है, इसलिए नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक स्रोतों की जांच करें।
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