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स्थानीय नागरिकों में इस कार्रवाई को लेकर नाराजगी है और सवाल उठ रहे हैं कि क्या अवैध अस्पताल चलाने वालों को जुर्माना भरने की छूट देकर स्वास्थ्य विभाग जानबूझकर उन्हें संरक्षण दे रहा है?
Kapilvastupost
जनपद सिद्धार्थनगर में अवैध रूप से संचालित अस्पतालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की सख्ती केवल कागजों तक सीमित नजर आ रही है। बांसी कस्बे के आर्यनगर में बिना किसी पंजीकरण के संचालित हो रहे एक अस्पताल का खुलासा पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार मौर्य के औचक निरीक्षण में हुआ।
निरीक्षण के दौरान अस्पताल में मरीज और चिकित्सकीय उपकरण मौजूद मिले, लेकिन कार्रवाई के नाम पर विभाग ने महज 2500 रुपये का अर्थदंड लगाकर संचालकों को राहत दे दी।
सीएमओ डॉ. रजत कुमार चौरसिया व नैदानिक स्थापना के नोडल अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार द्वारा निधि शुक्ला व वंदना शुक्ला को जारी नोटिस में बताया गया है कि निरीक्षण के दौरान कोई पंजीकृत चिकित्सक मौजूद नहीं था। वहीं, अस्पताल में मरीज रीमा पत्नी शिवरतन को भर्ती पाया गया, जो खून आने की शिकायत लेकर पहुंची थी।
अस्पताल के भू-तल और प्रथम तल से इलाज में प्रयोग होने वाले उपकरण जैसे सीरिंज, पेशेंट काउच, बीपी मशीन, थर्मामीटर, ड्रिप स्टैंड आदि बरामद किए गए। इसके बावजूद अवैध संचालन के स्पष्ट साक्ष्य मिलने पर भी महज जुर्माना लगाकर विभाग ने कार्रवाई की खानापूरी कर दी।
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