इटवा पुलिस ने बुधवार को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अवैध रूप से आधार कार्ड बनाने और उसमें संशोधन करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े दो आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से आधार कार्ड बनाने में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक मशीनें और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों में फिरोज आलम पुत्र इमाम हसन निवासी सहरसपाली, बलिया और शिव बालक पुत्र तुलसीराम निवासी अमौना, इटवा शामिल हैं। इनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
ऐसे हुआ खुलासा
मंगलवार को इटवा थाने के प्रभारी निरीक्षक श्याम सुन्दर तिवारी अपनी टीम के साथ क्षेत्र भ्रमण पर थे, तभी उन्हें सूचना मिली कि इटवा कस्बे में माता प्रसाद जायसवाल इंटर कॉलेज गेट के पास स्थित शिव मंदिर के समीप एक दुकान में दो व्यक्ति अवैध रूप से आधार कार्ड बनाने का कार्य कर रहे हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस टीम ने मौके पर छापा मारा और दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
यह सामग्री मिली मौके से
छापेमारी के दौरान पुलिस को एक लैपटॉप, प्रिंटर, फिंगरप्रिंट स्कैनर, आईरिश स्कैनर, माउस, चार्जर, यूएसबी डिवाइस, आधार एनरोलमेंट और अपडेट फॉर्म (विशेष रूप से 5–18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए) और आधार स्लिप बरामद हुई।
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपी फिरोज आलम ने बताया कि यह नेटवर्क परवेश यादव निवासी जैतापुर, बलरामपुर और मोहम्मद जावेद की मिलीभगत से संचालित हो रहा था। वे जावेद के यूआईडी लॉगिन और एनी डेस्क सॉफ्टवेयर के जरिए दूरस्थ तरीके से आधार एनरोलमेंट और अपडेट का काम कर रहे थे। आरोपी पहले दस्तावेजों में उम्र घटाकर अवैध आधार कार्ड बनाते और बाद में सही जन्मतिथि के साथ उसे अपडेट कर देते थे। इस पूरे नेटवर्क की निगरानी खुद जावेद कर रहा था और मुनाफे का बंटवारा भी उसी के निर्देश पर होता था।
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 338, 336(3) बीएनएस व आधार अधिनियम 2016 की धारा 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
गिरफ्तारी करने वाली टीम
इस कार्रवाई में प्रभारी निरीक्षक श्याम सुन्दर तिवारी के साथ एसआई जयप्रकाश पाण्डेय, हेड कांस्टेबल राकेश पटेल, प्रवीण कुमार, नरेन्द्र देव चौहान और रबिश यादव शामिल रहे।
पुलिस का कहना है कि पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच की जा रही है और जल्द ही मुख्य साजिशकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया जाएगा।