31 मई – विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष नशे की गिरफ्त में आ रहे युवाओं को बचाने की जिम्मेदारी आखिर किसकी?

✍️ परमात्मा प्रसाद उपाध्याय

🔴 तंबाकू की लत: एक विनाशकारी आदत

भारत में बड़ी संख्या में युवक-युवतियां और महिलाएं तंबाकू और धूम्रपान के जाल में फंसती जा रही हैं। वे यह नहीं समझ पातीं कि यह लत उनके जीवन को पूरी तरह तबाह कर सकती है।

🚺 महिलाओं में बढ़ता तंबाकू का चलन

गेट्स सर्वेक्षण के अनुसार, देश में लगभग 20% महिलाएं किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करती हैं।

10% लड़कियों ने स्वीकार किया है कि वे सिगरेट पीती हैं।

तंबाकू का चलन महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे उनके स्वास्थ्य और समाज दोनों पर गंभीर असर पड़ रहा है।

🧬 तंबाकू सेवन के दुष्परिणाम: वर्तमान से लेकर अगली पीढ़ी तक

महिलाओं में तंबाकू सेवन से न केवल स्वयं को बल्कि उनकी संतान तक को कैंसर और अन्य रोगों का खतरा होता है।

गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान से गर्भस्थ शिशु में विकृतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

🌍 डब्ल्यूएचओ और वैश्विक चेतावनी

डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर साल 80 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू सेवन से होती है।

अगर रोकथाम न की गई, तो 2030 तक यह आंकड़ा और भयावह हो सकता है।

धूम्रपान का धुआं किसी वर्ग, जाति या धर्म को नहीं देखता—यह सिर्फ मौत का संदेश है।

🧠 तंबाकू सेवन के मानसिक और शारीरिक प्रभाव

निकोटिन डोपामाइन रिलीज करता है, जिससे एक अस्थायी आनंद की अनुभूति होती है, जो लत का कारण बनता है।

युवाओं में अवसाद, चिंता, स्ट्रोक, हृदय रोग, प्रजनन समस्याएं, कैंसर, दंत रोग आदि आम परिणाम हैं।

📺 विज्ञापन और कंपनियों की चालबाजी

महिलाओं को तंबाकू की ओर आकर्षित करने के लिए अप्रत्यक्ष विज्ञापनों का सहारा लिया जा रहा है।

भारत में 2003 से COTPA कानून लागू है, लेकिन उसकी खामियों का फायदा उठाकर कंपनियां प्रचार कर रही हैं।

स्मोकिंग ज़ोन जैसी व्यवस्था धूम्रपान को रोकने के बजाय बढ़ावा दे रही है।

💔 नशा फैशन नहीं, विनाश है

आज नशा फैशन बन गया है, विशेषकर महिलाओं और किशोरियों में।

इस प्रवृत्ति से परिवार, समाज और राष्ट्र की नींव कमजोर हो रही है।

जीवन की सार्थकता सफलता नहीं, बल्कि उसकी गुणवत्ता और स्वास्थ्य में है।

🧒 किशोर और युवा: सबसे बड़ा शिकार

दोस्त, फैशन और तनाव का समाधान मानकर युवा सिगरेट की ओर आकर्षित होते हैं।

गलत जानकारी, सामाजिक दबाव और लोकप्रिय बनने की चाह उन्हें इस लत में धकेलती है।

✅ क्या किया जाना चाहिए? – समाधान की ओर कदम

1. शिक्षा और जागरूकता:

युवाओं को स्कूल, कॉलेज और मीडिया के माध्यम से तंबाकू के खतरे बताना।

2. सख्त कानून और क्रियान्वयन:

तंबाकू पर पूर्ण प्रतिबंध, विशेषकर सार्वजनिक स्थलों पर।

3. सहायक वातावरण बनाना:

घर, स्कूल, समाज में नशामुक्त माहौल तैयार करना।

4. वैकल्पिक उपाय:

युवाओं को तनाव और मनोरंजन के स्वस्थ विकल्प देना।

5. मनोवैज्ञानिक और चिकित्सकीय सहायता:

तंबाकू छोड़ने में मदद करने के लिए परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराना।

🙏 अंत में – जीवन चुनें, नशा नहीं

तंबाकू और धूम्रपान से कुछ भी हासिल नहीं होता, सिवाय बीमारियों, दुःख और मृत्यु के।
आइए, 31 मई – विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर संकल्प लें कि हम स्वयं और अपने आसपास के लोगों को इस जानलेवा लत से बचाएं।
स्वस्थ युवा, सशक्त समाज और सशक्त भारत की दिशा में यह पहला कदम हो सकता है।

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