सिद्धार्थ नगर – विकास खंड इटवा के चार सचिव निलंबित , डी एम ने दिया मुकदमा दर्ज करने के आदेश

Niyamtullah khan 

इटवा ब्लॉक की ग्राम पंचायत जनिकौरा में मनरेगा और ग्राम निधि के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ। शासन स्तर से गठित तीन सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि दो वित्तीय वर्षों में कराए गए 36 कार्यों में लगभग ₹27 लाख की अनियमितता पाई गई है। जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए चार पंचायत सचिवों को निलंबित कर दिया है और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

नेता प्रतिपक्ष एवं इटवा विधायक माता प्रसाद पांडेय की शिकायत पर शासन ने संज्ञान लिया था। जांच टीम में संयुक्त विकास आयुक्त देवीपाटन मंडल राकेश पांडेय, जिला विकास अधिकारी बलरामपुर कमलेश सोनी और सहायक अभियंता डीआरडीए बलरामपुर शामिल थे। टीम ने मौके पर पहुंचकर वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक कराए गए कार्यों की रेंडम जांच की।

36 कार्यों में से 18 कार्यों में गड़बड़ी पाई गई – मनरेगा के 7 कार्यों में ₹15.99 लाख और ग्राम निधि के 11 कार्यों में ₹11 लाख से अधिक की राशि वसूली योग्य पाई गई।

जिन परियोजनाओं में मिली गड़बड़ी, उनमें शामिल हैं:

मनरेगा योजनाएं:

मंटू के घर से जानकी के खेत तक नाली निर्माण

धोबिया तालाब की खुदाई और सफाई

शिवपूजन के घर से समय माता मंदिर तक इंटरलॉकिंग

मुड़िला बक्शी में खड़ंजा कार्य

मिनी सचिवालय की बाउंड्रीवाल और गेट निर्माण आदि

ग्राम निधि योजनाएं:

पंचायत भवन निर्माण और शौचालय

सीसी रोड और नाली मरम्मत

निजाम के घर से दुखी के घर तक खड़ंजा मरम्मत

हाईस्कूल प्रांगण में मिट्टी पटाई कार्य

प्रशासन की सख्ती:

जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर ने बीडीओ इटवा को निर्देशित किया है कि दोषियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई जाए। साथ ही, जांच के आधार पर नियाज अहमद, रितेश विश्वकर्मा, अशोक कुमार, और मनोज कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

बताते चलें कि जनिकौरा का यह मामला पंचायत व्यवस्था में गहरे जड़ जमाए भ्रष्टाचार की जीती-जागती तस्वीर है। ग्राम विकास के नाम पर केवल कागजों पर निर्माण और फर्जी भुगतान कर जनधन को लूटा गया। कार्य स्थल पर कुछ नहीं, पर फाइलों में सब ‘पूरा’। अब जब प्रशासन की आंखें खुलीं तो निलंबन और एफआईआर की बात हो रही है, मगर बड़ा सवाल यह है कि ऐसे मामलों में जवाबदेही केवल सचिवों तक ही क्यों सीमित रहती है?

अगर समय रहते चौकसी न की गई, तो ग्रामीण विकास की योजनाएं कागजों में ही दम तोड़ देंगी और जनता को सिर्फ भ्रष्टाचार की बदबू मिलेगी।

error: Content is protected !!
Open chat
Join Kapil Vastu Post