जच्चा-बच्चा की मौत का मामला: बांसी के लाइफ हॉस्पिटल में लापरवाही की पुष्टि, बिना नवीनीकरण चला रहा था अस्पताल

डीएम-सीएमओ को सौंपी गई रिपोर्ट

जच्चा-बच्चा की मौत पर शिकायत के बाद जांच

दस्तावेज उपलब्ध कराने में अस्पताल नाकाम

Kapilvastupost

बांसी, सिद्धार्थनगर।
बांसी कस्बे के शीतलगंज मोहल्ले में संचालित लाइफ हॉस्पिटल एंड मैटर्निटी सेंटर में जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की छह सदस्यीय जांच टीम ने अस्पताल में गंभीर लापरवाही और नियमों की अनदेखी की पुष्टि की है। टीम ने पूरी रिपोर्ट डीएम और सीएमओ को सौंप दी है, जिसमें अस्पताल को बिना नवीनीकरण के संचालित करना और इलाज में लापरवाही का दोषी ठहराया गया है।

यह मामला 10 जून का है, जब मिठवल ब्लॉक के करही शुक्ल गांव निवासी हरिश्चंद्र की पत्नी चांदनी प्रसव के लिए उक्त अस्पताल में भर्ती थीं। इलाज के दौरान चांदनी और उसके नवजात की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पति ने जिलाधिकारी से शिकायत की, जिस पर संज्ञान लेते हुए डीएम ने सीएमओ को जांच का निर्देश दिया।

जांच में सामने आया कि अस्पताल का पंजीयन 30 अप्रैल को समाप्त हो चुका था। हालांकि प्रबंधक ने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन भौतिक सत्यापन नहीं हुआ। 22 मई को खुद प्रबंधक ने पत्र भेजकर आवेदन निरस्त करने की मांग की, जिसे निरस्त कर दिया गया। इसके बावजूद 28 मई को फिर से नवीनीकरण के लिए आवेदन किया गया, जिसमें डॉ. सत्य नारायण गुप्त को फुलटाइम चिकित्सक के रूप में प्रस्तुत किया गया। लेकिन नवीनीकरण प्रक्रिया पूरी न होने के बावजूद अस्पताल का संचालन जारी रखा गया।

जांच रिपोर्ट के मुताबिक 8 जून को प्रसूता चांदनी के इलाज के दौरान डॉ. गुप्त द्वारा परीक्षण और रेफर किए जाने की बात अस्पताल प्रबंधक डॉ. इमरान अहमद ने कही। हालांकि निरीक्षण के दौरान डॉ. गुप्ता मौजूद नहीं थे और दूरभाष पर बात करने पर उन्होंने रेफर करने की बात स्वीकार की। मगर अस्पताल इलाज से जुड़ा कोई भी दस्तावेज — बीएचटी, ओपीडी पर्चा या रेफरल स्लिप — उपलब्ध नहीं करा सका।

जांच टीम ने प्रथम दृष्टया अस्पताल को नवीनीकरण न होने के बावजूद संचालित करने और इलाज में लापरवाही बरतने का दोषी पाया है। अब प्रशासन की अगली कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।

लाइफ हॉस्पिटल में लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत, ओपीडी, ओटी, लेबर रूम और अल्ट्रासाउंड कक्ष सील

बांसी कस्बे में संचालित लाइफ हॉस्पिटल एंड मैटर्निटी सेंटर की घोर लापरवाही के चलते जच्चा-बच्चा की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम ने मामले की जांच कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी है। जांच में अस्पताल संचालन और इलाज व्यवस्था में कई गंभीर खामियां पाई गई हैं।

नोडल अधिकारी (नैदानिक स्थापना) व जांच समिति अध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार के नेतृत्व में की गई जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अस्पताल का संचालन नियमानुसार नहीं किया जा रहा था और प्रसूता के इलाज में गंभीर लापरवाही बरती गई थी।

जांच टीम की संस्तुति पर तत्काल प्रभाव से ओपीडी कक्ष, ऑपरेशन थियेटर (ओटी), लेबर रूम को सील कर दिया गया है। इसके अलावा, अस्पताल के एक अन्य कक्ष में संचालित अल्ट्रासाउंड यूनिट भी नियमों के विरुद्ध पाई गई। संबंधित कागजात, फॉर्म-एफ, निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं थे। उन पर न तो रेडियोलॉजिस्ट या चिकित्सक के हस्ताक्षर थे, न ही अल्ट्रासाउंड करने वाला चिकित्सक उपस्थित पाया गया।

इन खामियों को गंभीर मानते हुए अल्ट्रासाउंड कक्ष को भी सील कर दिया गया है।
डॉ. प्रमोद कुमार ने कहा कि, “हॉस्पिटल में कई स्तर पर गम्भीर लापरवाही सामने आई है। यह मामला जच्चा-बच्चा की जान से जुड़ा था, इसलिए सख्त कार्रवाई की संस्तुति दी गई है। अब आगे की कार्रवाई उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार की जाएगी।

प्रतीकात्मक फोटो

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