हमें नई पीढ़ी को उर्दू लिखने और पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए – डॉ. मसीहुद्दीन ख़ान

गुरु जी की कलम से 

बढ़नी सिद्धार्थनगर
मसीहा उबेद सिद्धार्थ ट्रस्ट की ओर से “यौम-ए-उर्दू हफ़्ता” के मौके पर उर्दू की तरक्की, प्रचार और प्रसार के लिए कस्बा बढ़नी में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस के डॉ. मसीहुद्दीन ख़ान ने विशेष रूप से शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम टीसम के पूर्व प्रधान ग़यासुद्दीन ख़ान ने की।

इस कार्यक्रम में पत्रकार अब्दुल कुद्दूस, ज़ियाउल हक़, मुहम्मद जावेद, शकील शाह, और अब्रार आदि उपस्थित थे।

“उर्दू हफ़्ता” के मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. मसीहुद्दीन ख़ान ने कहा कि हमें अधिक से अधिक उर्दू लिखनी और पढ़नी चाहिए, साथ ही नई पीढ़ी को भी उर्दू सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हम सब लोग उर्दू बोलते और समझते हैं, इसलिए इसकी लिखावट पर भी विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है।

आज उर्दू की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और उर्दू पूरी दुनिया में फूल-फल रही है। हमें अपने बच्चों को उर्दू की शिक्षा देनी चाहिए ताकि वे डिजिटल युग में उर्दू से पूरा लाभ उठा सकें और ऑनलाइन उर्दू लिपि से परिचित हो सकें।

ग़यासुद्दीन ख़ान ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि उर्दू से प्रेम करने वाले लोगों को इसकी तरक्की, प्रचार और प्रसार के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें उर्दू लिपि के समाचार पत्रों की खरीद और पढ़ाई को बढ़ावा देना चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।

पत्रकार अब्दुल कुद्दूस ने कहा कि नवंबर का यह महीना और यह हफ़्ता उर्दू के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसी महीने में उर्दू भाषा और साहित्य के महान शायर और अदीबों का जन्म हुआ था।

पत्रकार ज़ियाउल हक़ ने बताया कि इसी महीने शायर-ए-मशरिक (पूर्व के शायर) अल्लामा इक़बाल की जयंती मनाई जाती है और इसी संदर्भ में दुनियाभर में “यौम-ए-उर्दू” मनाया जाता है। इसलिए हमें भी उर्दू की तरक्की की तरफ़ ध्यान देना चाहिए।

सामाजिक कार्यकर्ता जावेद आलम ने भी उर्दू लिखने और पढ़ने पर ज़ोर दिया, वहीं शकील शाह ने कहा कि हमें उर्दू भाषा और साहित्य का हक़ दिलाने के लिए एकजुट होना चाहिए। कार्यक्रम में अबरार ने भी अपने विचार रखे।

कार्यक्रम के अंत में ग़यासुद्दीन ख़ान ने ट्रस्ट के संरक्षक मास्टर उबेदुल्लाह ख़ान, सदस्य अब्दुल हलीम, सलाउद्दीन ख़ान, फखरुद्दीन ख़ान, नौशाद आलम, शहज़ाद आलम, एन. निशा आदि उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया।