मानव तस्करी होने से दो नेपाली नाबालिक लड़को को बचाया

kapilvastupost reporter

सिद्धार्थनगर। सशस्त्र सीमा बल 43वी वाहिनी की सीमा चौकी ककरहवा के जवानों एवं मानव सेवा संस्थान सेवा के कर्मियों ने शनिवार की रात को मानव तस्करी होने से दो नेपाली नाबालिक लड़को को मानव तस्कर के चंगुल में से बचाया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मानव तस्करी में संलिप्त एक युवक द्वारा बुटवल से दिल्ली के लिए बस की टिकट करवाकर विनोद बीसी को दे दिया औऱ विनोद को ये जिम्मेदारी थी कि दोनों नाबालिक लड़को को दिल्ली लेजाकर पहुँचाना है। दिल्ली के लिए बस पकड़ने के लिए दोनों नेपाली लड़को के साथ जैसे ही भारतीय सीमा में मानव तस्कर प्रवेश किया तैसे ही संदिग्ध दिखने पर चेक पोस्ट पर एसएसबी के जवानों, एव मानव सेवा संस्थान के कर्मियों ने रोककर तस्कर एव लड़को से पूछताछ किया तो पता चला की मानव तस्कर विनोद बीसी पुत्र मनबहादुर बीसी निवासी चीतुम जिला चितवन द्वारा नेपाली दो लड़को को नौकरी व आकर्षक जीवन शैली का सपना दिखाकर भारत के शहर दिल्ली ले कर जाने वाला है। जिससे मामला पूरी तरह से मानव तस्करी से प्रेरित लगा। ततपश्चात सीमा चौकी ककरहवा प्रभारी एवं एसएसबी की एएचटीयू टीम द्वारा भी गहनता से पूछ-ताछ किया गया जिसके पश्चात मामला पूरी तरह मानव तस्करी से प्रेरित लगा। जिसके बाद जाँच पड़ताल एवं उचित कार्यवाही के बाद पीड़ित नाबालिक नेपाली लड़को को नेपाल पुलिस चौकी कालीदह, जिला रूपनदेही राष्ट्र नेपाल को अग्रिम कार्यवाही हेतु सुपुर्द कर दिया गया।
43वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट रामकृष्ण डोगरा ने कहा कि वर्तमान समय में मानव तस्करी के मामलों पर सशस्त्र सीमा बल के द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है जिससे कि किसी भी गरीब परिवारों के बच्चों और लड़कियों को मानव तस्करी में संलिप्त व्यक्ति, नौकरी, शादी व प्यार का झांसा दे कर तथा बहला फुसला कर नेपाल से भारत या भारत से नेपाल तस्करी न कर पाए और उनका शोषण न हो सकें ।

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