गुरु की महिमा अनंत है- बृजलाल
भाजपा के राजय सभा सदस्य बृजलाल की पैतृक स्कूल मध्यनगर में ग्रामीणों ने किया भव्य सवागत् विद्द्यालय के दाख़िल खारिज़ रजिस्टर , प्रवेश पंजिका को देख अपने नाम के पृष्ठ सन1960 में कक्षा एक तथा 1965 में कक्षा 5 पास की को मोबाइल कैमरे में सुरक्षित किया विद्यालय में अपनी उपस्थति पंजिका में नाम क़ा अवलोकन करते डीजी पी डीजीपी द्वारा लिखित पुस्तक ” सियासत का सबक ” को लोगों में वितरण करते डीजीपी
जाकिर खान
सिद्धार्थनगर । कहते हैं गुरु भगवान से भी बढ़कर होता है । क्योंकि गुरु हमें सही रास्ते पर चलना सिखाते है। सही और गलत की पहचान करना सिखाते हैं । जीवन की कई समस्याओं का किस तरह से निवारण हम कर सकते हैं । वह सभी तौर तरीके हमें गुरु ही सिखाते हैं। वास्तव में गुरु की महिमा अनंत है। प्राचीन काल से लेकर अब तक गुरु का महत्व समझा जाता है।
उक्त बाते बुधवार को विकास क्षेत्र शोहरतगढ़, जनपद सिद्धार्थ नगर के कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय मध्य नगर में देर रात गुरुपूर्णिमा के अवसर पर आयोजित स्वागत समरोह के अवसर पर कही ।
पूर्व डीजीपी व वर्तमान राज्यसभा सांसद माननीय बृजलाल एवं धर्मपत्नी महोदया का विद्यालय परिवार ,ग्राम प्रधान व सम्मानित नागरिकों ने फूलमाला व बुके भेंटकर भव्य स्वागत स्वागत किया गया ।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1960 में मै कक्षा एक में प्रवेश ली थी और कक्षा 5 की शिक्षा वर्ष 1965 में पास की थी । उन्होंने कहा याद के लिए हमने विद्यालय के दाख़िल खारिज़ रजिस्टर ( प्रवेश पंजिका) को देख अपने नाम के पृष्ठ (सन1960 में कक्षा एक ) को मोबाइल कैमरे में सुरक्षित कर लिया है । ताकि भविष्य मे कभी याद आये तो देख कर अपने अतीत को ताजा कर लूँ ।
उन्होंने कहा कि आज जो भी हूँ वो इस माटी और इस विद्यालय कि वजह से हूँ । आज हमारी सेवाएं प्रदेश के उच्च पदों पर रहकर देश और प्रदेश की सेवा के साथ गावं और जिले का मान और गौरव बढ़ाया
वह गुरु का चबूतरा जिस पर पंडित शिवशरण त्रिपाठी बैठकर उस बरगद के नीचे डिजीपी को शिक्षा ग्रहण कराया था । और जब पहली बार शिक्षा के मंदिर में मां ने जबरन पकड कर ले गई थी। उस समय भविष्य के और आज के राज्य सभा सांसद रोने लगे थे । तब मां ने पंडित जी से बोली की आज हमारे लिए गुरुवार क़ा दिन ठीक नहीं । तब पाड़ित जी ने कहा माता जी आप इस बालक को घर से पूरब कि बजाय पश्चिम से निकल निकाल दीजिये तो दोष मिट जायेगा।
पुराने भवन विद्यालय की माटी को चूमते हुये उन्होंने प्राथमिक शिक्षा से लेकर के के जीवन सफ़र को अपने सम्बोधन से लोगों को अवगत कराया।
गुरु के महत्व की प्रशंसा करते हुए कहा की गुरु की महिमा अपरमपार् होती है । बिना गुरु के भगवान की पहचान नहीं हो सकती । गई । शिक्षकों ,प्रधानों , सम्भ्रान्त जनों , प्रधानों सहित अन्य गणमान्य ग्रामीणों को जोगेंद्र नाथ मंडल / बृजलाल द्वारा लिखित् पुस्तक ” सियासत का सबक “
को सप्रेम भेंट कर आशीर्वाद दिया।
गुरुपूर्णिमा के अवसर पर देर रात तक 9-30 बजे तक प्रधानाध्यापक सुशांत ,
ग्राम सभा गुजरौलिया खालसा के प्रधान सुनील सिंह् उर्फ़ रिंकू सिंह , एवं पूर्व ग्राम प्रधान नंद लाल ,
ब्लॉक एआरपी मुस्तन शेरूल्लाह, सहायक अध्यापक नूरे आलम, चौरसिया, समीर अहमद, पल्लवी सिंह, रसोइया शुक्लावती , ग्राम प्रधान राजेन्द्र पाल जी आदि मौजूद रहे।