सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में मनाई गई अमर शहीद चन्द्र शेखर आज़ाद की जयंती
kapilvastupost reporter
सिद्धार्थनगर। आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में शनिवार इतिहास विभाग सिद्धार्थ विश्वविधालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर द्वारा अमर शहीद चन्द्र शेखर आज़ाद की जयंती के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अंग्रेज़ी विभाग के सहायक आचार्य डॉ अमित कुमार साहनी ने कहा कि अमर शहीद चन्द्र शेखर आज़ाद का जीवन स्वतन्त्रता सेनानी के इतिहास के रुप में चिरस्मरणीय था। आजाद बाल्यकाल से ही मन में प्रज्जवलित ज्वाला के साथ बड़े हो रहे थे महज 25वर्ष की आयु में ही वह देश पर सब कुछ न्यौछावर कर दिया। जब आजाद स्वधर्म की स्थापना हेतु क्रांतिदूत के रुप में हाथों में शस्त्र धारण कर लिए तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुख्य अतिथि समन्यवक महिला अध्ययन केंद्र एवं मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी डॉ नीता यादव ने अपने वक्तव्य में कहा कि अमर शहीद चन्द्र शेखर आज़ाद स्वंतत्रता आंदोलन के सिर्फ नायक के रुप में ही नहीं अपितु उस धरा का मान बढ़ाया जिस धरा को विश्व सिरमौर, वसुंधरा का गौरव के लिए अपने प्राणों की आहुति हँसते हँसते दे दी। विशिष्ट अतिथि उर्दू विभाग के सहायक आचार्य डॉ अब्दुल हफीज ने अपने वक्तव्य में कहा कि अमर शहीद चन्द्र शेखर आज़ाद स्वतंत्रता आंदोलन के जननायक के रुप में युवाओं सहित सम्पूर्ण मानवता के आदर्श पुरुष एवम महान बलिदानी है। हिन्दी विभाग के सहायक आचार्य डॉ जय सिंह यादव ने कहा कि आज़ाद का जीवन पथ हम सभी देश वासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है ।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए अमृत महोत्सव की नोडल अधिकारी डॉ सुनीता त्रिपाठी ने कहा कि अमर शहीद चन्द्र शेखर आज़ाद का बलिदान और राष्ट्र समर्पण हम देश वासियों के लिए अनुकरणीय है । आज़ाद का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणात्मक है, जिस प्रकार उन्होंने अपने जीवन के इतने कम समय में भारत माता कोगुलामी की बेड़ियों से स्वतंत्र करने के लिए जो बलिदान दिया है उसका सम्पूर्ण भारतवासी हमेशा ऋणी रहेगा। कार्यक्रम में धन्यवाद व आभार ज्ञापन का कार्य संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ धर्मेन्द्र कुमार ने मिया।कार्यक्रम का संचालन डॉ यशवन्त यादव, ने किया। कार्यक्रम में विश्व विद्यालय के शिक्षक डॉ आभ द्विवेदी, डॉ देवबख्स सिंह, डॉ मयंक कुमार कुशवाहा, डॉ सरिता सिंह, डॉ वन्दना गुप्ता, डॉ अरविन्द कुमार रावत सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे।