भारत की स्वतंत्रता में महिलाओं का योगदान विषय पर आधारित लगी छायाचित्र प्रदर्शनी

kapilvastupost reporter

सिद्धार्थनगर। भारत की स्वतंत्रता में महिलाओं का योगदान विषय पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव एवं हर घर तिरंगा कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार को राजकीय बौद्ध संग्रहालय पिपरहवा द्वारा भारत की स्वतंत्रता में महिलाओं का योगदान विषय पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन संग्रहालय में किया गया।

जो एक दिवस के लिए जन सामान्य के अवलोकनार्थ खुली रहेगी। भारतीय स्वतंत्रता में जितनी प्रतिभागिता एवं योगदान पुरुषों का रहा है, उतना ही महिलाओं का भी रहा है। ब्रिटिश सत्ता की स्वार्थी कपट पूर्ण नीतियों जनता को सताने दबाने एवं अन्यायपूर्ण शोषण करने की कुचालो से भारतीय जनमानस में विद्रोह उभरने लगा सन 1857 ईस्वी में मेरठ छावनी तथा देश में अनेक स्थानों पर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम प्रारंभ हुआ।

अंग्रेजों के विरुद्ध इस लड़ाई में पुरुषों के साथ साथ महिलाओं के सक्रिय योगदान की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही। प्रथम स्वाधीनता संग्राम अट्ठारह सौ सत्तावन ईसवी में पुरुषों की संघर्षशील भूमिका के मध्य महारानी लक्ष्मी बाई झलकारी बाई बेगम हजरत महल रानी चेन्नमा चांद बीबी आदि अनेक वीरांगनाए स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहूत दे दी। इनके संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं ने आंदोलन में भाग लेने वालों जेल जाने वालों फांसी के फंदे पर झूलने वाले वीरों को तिलक लगाकर और राखी बांधकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा दी और अंग्रेजो के खिलाफ होने वाले आंदोलनों में कंधे से कंधा मिलाकर उनमें जोश जागृत करने का प्रेरणात्मक कार्य किया। प्रदर्शनी का उद्घाटन ब्लाक प्रमुख बर्डपुर वंदना सिंह द्वारा फीता काटकर किया गया।

उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत की स्वतंत्रता कराने में महिलाओं की भूमिका पुरुषों से कम नहीं है। ब्रिटिश साम्राज्य को भारत की स्वतंत्रता के लिए घुटने टेकने के लिए मजबूर करने में महिलाओं की अहम भूमिका रही है, इस देश के महिलाएं हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवाती रही हैं, और आज भी यह किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। संग्रहालय के संग्रहालयध्यक्ष डॉ0 तृप्ति राय ने कहा कि यह प्रदर्शनी उन महिलाओं को समर्पित है, जिन्होंने हमें आजाद कराने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। सामान्यतया हम आजादी के महानायकों को तो याद रखते हैं किंतु महिलाओं के योगदान से अनभिज्ञ हैं जबकि भारत को आजाद कराने में महिलाओं का भी उतना ही योगदान है जितना कि पुरुषों का अतः इस प्रदर्शनी के माध्यम से हम ज्ञात अज्ञात उन सभी महिलाओं को श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए जो इस महासंग्राम में शहीद हुई हैं। प्रदर्शनी के अवसर पर जितेंद्र पांडे, प्रमोद चौधरी, कैलाश साहनी, धीरेंद्र चौधरी, सुनील चौधरी, योगेंद्र शुक्ल, वाहिद, ममता श्रीवास्तव, मुन्ना पाठक, संगीता यादव, साधना चौधरी, पूनम यादव, अजय कुमार जयसवाल, शिवकुमार, दिलीप पांडे, अनिल पाठक, रूद्रदेव पांडे, सुनीता चौहान, कुसुमलता जयसवाल, चंद्र मोहन चौधरी, मोहम्मद सलीम, सफीकुर्ररहमान, नफीस अहमद आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही

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