सरयू नहर के नकारा कर्मियों के वजह से सूख रहा हजारों एकड़ धान की फसल
ये कैसा भारत हो गया है हमारा नहरों में पानी लबालब भरा हुआ है और फसलें सूख रही हैं कितना शर्मनाक है अधिकारी अंधे हो गए हैं आफिस की फाइलों के आगे दिखता ही नहीं।
महेंद्र कुमार गौतम
बांसी सिद्धार्थनगर
चारो तरफ महंगाई की मार झेल रहे किसानों को सरयू नहर बांसी फेज प्रथम खून के आसूं रूला रहे हैं।
जिले में सूखा पड़ा हुआ है परंतु सरयू नहर बांसी में भरपूर जल आपूर्ति जारी है परंतु पता नहीं किस जिद के कारण विभागीय अधिकारी कटसरया खुर्द से बाजार डीह,पचारी खुर्द,गौरी,से लेकर जीवा तक नहर के उत्तर बांध पर न कोई सायफन और न ही कोई तरीका है जो खेतों में पहुंचने का कार्य कर सके।
वहीं बाजार डीह के पूरब एक नहर की शाखा निकाल कर इति श्री कर ली है जो आज तक बेपानी है।
सबसे विकट स्थिति बजारडीह के पश्चिम,और पचारी खुर्द सहित कटसरया खुर्द सहित आसपास के सभी गांवों की है।
आईजीआरएस के माध्यम से पानी की मांग 4 जुलाई से करने के बाद अधिकारियों की आख्या हवा हवाई लगा दी जा रही।
यहां तक कि अधिषासी अभियंता से बात करने बार बताया जा रहा की नहर कट गई है जिसकी मरम्मत कार्य हो रहा,और क्षेत्रीय जेई से बात करने पर बताया जा रहा की पानी का जलस्तर खेत के सतह से काफी नीचे है जबकि स्थलीय निरीक्षण करने पर इस बिंदु को सरासर ग़लत पाया गया,
अब बात एक्स ई एन की बात माने या जेई की और तो और साल भर में नहर सफाई मरम्मत कार्य आदि के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने पर भी किसानों को पानी न मिल पाना जिस से साफ जाहिर होता है सरकारी धन का जमकर लूट खसोट कर अन्नदातदाओ को घुट घुट कर आंसू बहाने पर विवश कर दिए हैं।