गुरु समान दाता नहीं, याचक शीष समान तीन लोक की सम्पदा, सो गुरु दीन्ही दान- डा.अनीता द्विवेदी

श्री राम बिलास इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग एण्ड मेडिकल साइंसेज सोनखर बांसी के प्रांगण में शिक्षक दिवस पर हुआ भव्य कार्यक्रम

जाकिर खान

सिद्धार्थनगर । सर्वपल्ली राधाकृष्णनए क मशहूर दार्शनिक और शिक्षाविद थे। वह शिक्षा के बड़े पक्षधर रहे। उन्होंने भारतीय संस्कृति का देश-विदेश में प्रचार-प्रसार किया। वह चाहते थे कि उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाए। उन्हीं के सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है ।

उक्त बाते सोमवार को श्री राम बिलास इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग एण्ड मेडिकल साइंसेज की मैनेजिंग डायरेक्टर , बतौर मुख्य अतिथि डा. अनीता द्विवेदी ने कही । प्रांगण में आयोजित शिक्षक दिवस की भव्यता देखने के ही लायक था ।

उन्होंने कहा कि यदि कोई देश को भ्रष्टाचार मुक्त और सुंदर मन वाले लोगो का राष्ट्र बनाना है । तो मुझे दृढ़तापूर्वक मानना है कि तीन प्रमुख सामाजिक सदस्य हैं । जो ये कर सकते है । वे है पिता, मां और शिक्षक-अब्दुल कलाम ।

उन्होंने कहा गुरुदेव के श्रीचरणों में श्रद्धा सुमन संग वंदन जिनके कृपा नीर से
जीवन हुआ चंदन धरती कहती,अंबर कहते कहती यही तराना
गुरू आप ही पावन नूर हैं
जिनसे रौशन हुआ जमाना…
मेरा नमन हर शिक्षक को !

गुरु तेरे उपकार का,
कैसे चुकाऊं मैं मोल,
लाख कीमती धन भला,
गुरु हैं मेरे अनमोल ।

शिक्षक दिवस भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। शिक्षक दिवस पर स्कूलों में स्टूडेंट्स टीचर्स की जगह लेकर उनकी किरदार निभाते हैं। इस दौरान वह बताते हैं कि उनके जीवन में शिक्षक की कितनी अहम भूमिका है। 5 सितंबर को देश के पहले उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती होती है।

इस अवसर पर प्रिंसिपल अरविंद शंकर, नर्सिंग की प्रिंसिपल जूही शुक्ला , दिलीप मिश्रा, राजन,रोहित, असलम, फार्मेसी से अर्पिता आदि की उपस्थित रही ।

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