शिक्षक दिवस पर सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में शिक्षकों को किया गया सम्मानित

kapilvastupost reporter

सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर में शिक्षक दिवस के अवसर पर सोमवार को शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफ़ेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का विराट व्यक्तित्व भारत के शिक्षक समाज को निरंतर उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रेरित करता रहा है। उनके विराट व्यक्तित्व से भारत का शिक्षक समाज हमेशा समृद्ध होता रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस समारोह मात्र एक अवसर नहीं है वरन हम शिक्षक समाज के लिए यह उत्प्रेरक का कार्य करता है। क्योंकि शिक्षा का क्षेत्र बहुत ही व्यापक है और बहुत ही मूल्यवान है। शिक्षक अपने ज्ञान और चरित्र से विद्यार्थियों के ज्ञान का विकास और चरित्र का निर्माण करता है। शिक्षक सर्वकालिक और सर्वदेशिक होता है। शिक्षक हर समय शिक्षक होता है। इसलिए शिक्षक में नैतिक मूल्यों का अनन्त संग्रह होना चाहिए। शिक्षण वृत्ति नही प्रवृत्ति है। भारत में प्राचीन काल से ही राष्ट्र और समाज निर्माण में शिक्षकों की भूमिका सर्व प्रमुख रही है। वर्तमान ज्ञान विज्ञान के इस युग में भी दायित्व बोध के साथ नए नए अनुसंधान और अन्वेषण करने वाले शिक्षकों की महत्ता वैश्विक रूप में बड़ी है। शिक्षक अपने परिश्रम से संस्था को उच्चतम शिखर तक ले जा सकता है।वर्तमान समय में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन हो रहा है। इसलिए बदलते हुए इस परिवेश में शिक्षक को भी आधुनिक तकनीकों से लैस होकर शिक्षा के क्षेत्र के वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए आगे आना चाहिए। इससे पूर्व इस कार्यक्रम में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अधिष्ठाता कला संकाय प्रोफेसर हरीश कुमार शर्मा, अधिष्ठाता वाणिज्य संकाय प्रोफ़ेसर दीपक बाबू , प्रोफेसर प्रकृति राय, प्रोफेसर सौरव, दीनदयाल शोध पीठ की निदेशक डॉ मंजू मिश्रा एवं सभी शिक्षक के साथ ही सत्यम दिक्षित, अतुल रावत, आलोक सिंह, मनोज मिश्रा, अजय इत्यादि उपस्थित रहे।

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