बर्डपुर – प्यास बुझाने के लिए घर-घर भटकने को मजबूर छात्र

ब्लॉक संसाधन केंद्र बर्डपुर क्षेत्र के कई स्कूलों में खराब पड़ा है हैंडपंप
देसी नल के पानी से प्यास बुझाते हैं बच्चे, बीमारियों का जोखिम

अभिषेक शुक्ल

सिद्धार्थनगर। परिषदीय स्कूलों में कायाकल्प योजना से काफी सुधार हुआ है, मगर कई स्कूलों में लगे हैंडपंप जवाब दे चुके हैं। बच्चे गांव में जाकर देसी नल के पानी से प्यास बुझाते हैं। इससे बीमारी होने का जोखिम बना रहता है। बच्चे गांव में जाकर पानी पीने को मजबूर हैं।

ब्लॉक संसाधन केंद्र बर्डपुर के तहत 100 प्राथमिक और 41 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं। कायाकल्प योजना के तहत अधिकतर स्कूलों को रंग रोगन कर सजाया गया है। फर्श पर टाइल्स और दीवारों पर शिक्षा परक चित्र बनाए गए हैं, लेकिन पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाई है। क्षेत्र में 141 हैंडपंपों में 39 हैंडपंप खराब हैं या फिर पीने के योग्य पानी नहीं आ रहा है।

कमपोजिट विद्यालय सूर्य कुड़िया में परिसर स्थित हैंडपंप गंदा पानी देता है यहां बच्चों को पानी के लिए गांव निवासी तोलन के यहां जाना पड़ता है विद्यालय के प्रधानाध्यापक विजय चौधरी ने बताया कि विद्यालय में करीब 290 बच्चे पंजीकरण हैं विद्यालय परिसर में लगा हैंडपंप गंदा पानी देता है बच्चों को दूसरे के यहां पानी पीने जाना पड़ता है खाना बनाने के लिए रसोईया को पानी लाने के लिए दूर जाना पड़ता है प्राथमिक विद्यालय देवरा चौधरी परिसर में लगा हैंडपंप भी गंदा पानी देता है बच्चों को शिव मंदिर के सामने लगे नल पर पानी पीने के लिए जाना पड़ता है प्रधानाध्यापक नगमा बानो ने बताया कि हैंडपंप को कई बार सही कराया गया लेकिन खराब हो जा रहा है नया हैंडपंप लगवाने की जरूरत है विद्यालय में 234 बच्चे पंजीकृत हैं।

इस संबंध में बीएसए देवेंद्र कुमार पांडे का कहना है कि जिले के सभी विद्यालयों में खराब हैंडपंपों की सूची खंड शिक्षा अधिकारी से मांगी गई है जहां भी हैंडपंप खराब है उन्हें जल्द ठीक करा दिया जाएगा l

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