ठाकरे व शिंदे समूह के साथ 16 विधायकों के अयोग्यता पर फैसले में देरी से निकाय चुनाव को कर सकती है प्रभावित

डॉ शाह आलम


ठाकरे समूह व शिंदे समूह के बीच विवाद को लेकर महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष की सुनवाई एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने टाल दिया है। जिससे राजनैतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि ठाकरे व शिंदे समूह के साथ 16 विधायकों के अयोग्यता पर न्यायालय के फैसले में देरी से निकाय चुनाव प्रभावित हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई शुरू होने के बाद संविधान पीठ ने दोनों पक्षों को लिखित में अपनी दलीलें पेश करने का आदेश दिया है। संविधान पीठ ने दस्तावेजों को अदालत में जमा कराने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। अगली सुनवाई 29 नवम्बर को निर्धारित की गई है। इस बाबत ठाकरे समूह के नेता अनिल देसाई ने कहा है कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले इस मामले का निस्तारण किया जाना चाहिए ।

राष्ट्र वादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा है कि महाराष्ट्र में सत्ता से जुड़े विवादों का निकाय चुनाव से पहले निस्तारण किया जाना लोकतंत्र की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस पर सुनवाई ओर 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता कार्रवाई को चुनौती देने के साथ सत्ता से जुड़े कई कानूनी विवाद अदालत में लम्बित है।

इस से पहले इस मामले की सुनवाई अक्टूबर माह में हुई थी, बाद में छुट्टियों के कारण एक नवम्बर तक स्थगित कर दिया गया था। मंगलवार एक नवम्बर को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को लिखित दस्तावेज पेश करने के आदेश के साथ सुनवाई तीन सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।

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