श्रीराम के इन आदर्शों को जीवन में उतारते हुए भाई का भाई के प्रति प्रेम

दुर्गेश मूर्तिकार

बांसी।श्री ठाकुर राम जानकी मंदिर शीतलगंज आजाद नगर बांसी में श्री राम विवाह महोत्सव के पावन पर्व पर चल रहे श्री राम कथा एवं श्री राम लीला को देखकर एवं सुनकर श्रोता दर्शक भक्त श्रद्धालु आनंद विभोर हो गएl
मणि पर्वत रामगंज बाजार अयोध्या से पधारे अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित श्री विजय राघव दास रामायणी जी महाराज ने कहा भगवान श्री सीताराम अनादि दंपति हैं लोक शिक्षा के लिए वह विवाह के बंधन में बसते हैं और फिर अयोध्या जैसे साम्राज्य के गद्दी मिलने की सूचना के बाद श्रीराम हमें कोई खुशी नहीं हुई और बनवास की खबर को सुनकर के कोई दुख नहीं हुआ ऐसे धैर्यवान महापुरुष श्रीराम थे भ्रातृ प्रेम की झलक श्रीराम के अंदर उस समय पता चला कि जब उन्हें यह पता चला कि मेरा भाई भरत गद्दी पा रहा है तो उनके मुख से स्वतः निकल पड़ा कि -भरत प्राणप्रिय पावहि राजू। विधि सबही विधि सन्मुख आजू।। और भाई भरत जब यह खबर सुने कि हमें अयोध्या का राजा बनाया जा रहा है तो भरत का त्याग देखें उन्होंने कहा मैं श्री राम का सेवक हूं और अगर मुझे कोई हर्ट पूर्वक अयोध्या का राजा बनाएगा तो यह पृथ्वी रसातल को चली जाएगी यह त्याग भाई और भाई के बीच रही।
कथा व्यास जी ने कहा कि श्रीराम के इन आदर्शों को जीवन में उतारते हुए भाई का भाई के प्रति व्यक्ति का अपने माता-पिता के प्रति और समाज तथा देश के प्रति कर्तव्यों का बोध कराती है भगवान के श्री राम कथा में उपस्थित।उक्त अवसर पर माधव धर द्विवेदी राममिलन पांडे विश्वनाथ पाठक बृज बिहारी शुक्ला ओम प्रकाश पांडे सुरेंद्र श्रीवास्तव राजेश सोनी गंगा प्रसाद मिश्र राकेश यादव आदि लोगों की उपस्थिति रही मंदिर के महंत हनुमान दास नागा ने लोगों के प्रति आभार ज्ञापित किया।

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