सिद्धार्थ नगर – कार्य के सापेक्ष मनरेगा में बजट नहीं , प्रधानों में रोष कई जगह प्रदर्शन
डा शाह आलम
इटवा (सिद्धार्थनगर) । विकास खण्ड खुनियांव के ग्राम प्रधानों को मनरेगा से कराए गए कार्यों का भुगतान न मिलने पर भारी रोष व्याप्त है। जिसको लेकर ग्राम प्रधानगण अपने संगठन को साथ लेकर आरपार की लडाई ‘लडने के लिए बाहें तान रहे हैं । सम्भवतः सोमवार को ग्राम प्रधानगण ब्लाक परिसर में धरना प्रदर्शन भी कर सकते हैं ।
जानकारी के अनुसार गत 29 दिसम्बर 2022 को मनरेगा का पैसा आया था। जिसमें से कुछ ग्राम प्रधानों के द्वारा कराए गए कार्यों हेतु धन आवंटित कर दिया गया। परन्तु कई दर्जन ग्राम प्रधानों को अगली बार धन आने की प्रतीक्षा पर छोड़ दिया
गया। ग्राम प्रधानों का कहना है कि जिन ग्राम प्रधानों को धन आवंटित कर दिया गया है। वह अच्छी बात है। ह बहुत से ऐसे ग्राम प्रधानगण हैं जिन्होंने गत जनवरी 202 में कार्य कराया था। उसका भी भुगतान उन्हें अभी तक नहीं मिला है। जबकि तबसे अबतक 03 बार मनरेगा में पैसा आया है।
इस बार जिन लोगों ने अगस्त से अक्टूबर तक कार्य कराया है। उनका भुगतान कर दिया गया है। ग्राम प्रधानों का आरोप है कि राजनीति प्रभाव तथा चोखा सुविधा शुल्क के आड में दो आखों से देखा जा रहा है। सन् 2027 में कराए गए कार्यों का भुगतान अभी तक न होने से
ईटभट्ठा, गिट्टी मोरंगवाला अन्य सामानों की आपूर्ति करने वाला व्यापारी रास्ता चलते उ के लिए टोकता है। गांव लेबर आए दिन दा को लेकर पूछते रहते हैं । ऐसे में यदि इसी तरह से दो आखों से देखकर कराए गए कार्य का भुगतान होगा तो गांव का विकास कैसे होगा।
सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास को पूर्ण रूप से कैसे साकार कर मिलेगा । हम ग्राम प्रधनगण गांव के प्रथम नागरिक हैं। गांव की जनता ने हमें अपने गांव के विकास के लिए चुना है। बताया जाता है कि यहां लगभग 08 एफटीओ का बकाया है। ग्राम प्रधानों ने मांग किया है कि जिन
ग्राम पंचायत में मनरेगा का भुगतान नहीं हो पाया है । उसका भी भुगतान यथाशीघ्र किया जाए।. जिससे हम ग्राम प्रधानगण दुकानदारों का भुगतान कर सकें । यदि सम्बंधित जिम्मेदारों की नींद नहीं टूटती है तो हम सभी ग्राम प्रधानगण अपने संगठन के माध्यम से आगे की लडाई लडेंगे।
इस सम्बंध में खण्ड विकास. अधिकारी भनवापुर / कार्यक्रम अधिकारी खुनियांव धनंजय सिंह ने बताया कि भेदभाव का आरोप निराधार है। एफटीओ की मानीटरिंग जिले से होती है। इसमें कोई चुटि नहीं हो सकती है। जितने घन की आवश्यकता थी। उसका 20 प्रतिशत धन आया है।