सिद्धार्थ नगर – हर घर जल योजना हाथी का दांत साबित हो रहा है करोड़ों की लागत से बना पानी का टंकी। दूषित जल पीने को मजबूर ग्रामवासी

ओजैर खान

सिद्धार्थनगर। जनपद में ऐसे कई स्थानों पर बने पानी के टंकी ओवर हेड टैंक हाथी का दांत साबित हो रहे हैं। जबकि केंद्र सरकार ने 2024 तक हर व्यक्ति के घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने के मकसद से जल जीवन मिशन योजना की शुरुआत की है इसके तहत निर्धारित समय में जिले की हर ग्राम पंचायतों तक स्वच्छ जल पहुंचाना है।

लेकिन गावों में पहले से ही करोड़ों की लागत से बने पाईप लाईन व वाटर टैंक पूरी तरह से बंद पड़े हैं। कोई जिम्मेदार अधिकारी न उसको सुचारू रूप से चलवा रहे हैं और न ही कोई संतोषजनक जवाब ही दे रहे हैं। हाल ही में सिद्धार्थनगर जनपद के शोहरतगढ़ तहसील अंतर्गत बॉर्डर क्षेत्र के कुछ गावों का जायजा लेने राष्ट्रीय हिंदी दैनिक गुनाह का सच की टीम पहुंची तो पता ये चला की विकास खण्ड बढ़नी क्षेत्र के कई गावों की पानी सप्लाई पूरी तरह बंद है जिससे ग्रामवासी दूषित जल पीने को मजबूर हैं।

विकास खंड बढ़नी के ग्राम पंचायत भावपुर उर्फ गुलरी और सेमरहवा में 1.9 करोड़ की लागत से बना पानी का टंकी बनने के लगभग दो तीन माह तक पानी की सप्लाई बमुश्किल हो पाई थी जगह जगह पाईप फटने लगी थी लोगों को पाइप लाईन से भी स्वच्छ जल की जगह गन्दा पानी पहुंचने लगा था उसके बाद से सप्लाई बंद पड़ी है।

कई बार गांव के जिम्मेदार व्यक्तियों ने इसकी सूचना विभाग के अधिकारियों एवं ठेकेदार से भी किया लेकिन हीला हवाली करते करते लगभग 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक सप्लाई शुरू नहीं हो सकी। गांव के पूर्व प्रधान जयकरन प्रसाद का कहना है कि ये सरकार हर घर लोगों को स्वच्छ जल पहुंचाने के मकसद से जल जीवन मिशन योजना लागू की है उसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी सरकार की मंशा पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं।

गांव के प्रधान प्रतिनिधि का कहना है कि इसकी शिकायत जब हमने अधिकारियों से कि तो वो भी सिर्फ आश्वासन देते रहते हैं । सवाल! अब बेचारे गरीब ग्रामवासी क्या करें? दूषित जल पिएं या सरकार और उसके जिम्मेदार अधिकारियों से आश रखे की उनके गावों में करोड़ों की लागत से बना वाटर टैंक पाईप लाईन सुचारु रूप से चालू होगा या सिर्फ हाथी का दांत साबित होगा।

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