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जाकिर खान
सिद्धार्थनगर। विशेष अपर सत्र न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट मोहम्मद रफी ने घर में घुसकर दलित महिला से दुष्कर्म करने, जान माल की धमकी देने और हमले के आरोपी की जमानत खारिज कर दी है। यह घटना उसका थाना क्षेत्र के एक गांव में 22 जुलाई 2023 को हुई थी।
पीड़ित महिला ने उसका बाजार पुलिस को तहरीर दी कि थानाक्षेत्र के घुघुलिया निवासी बलराम पांडेय ने उसके घर में घुसकर उससे दुष्कर्म किया। जानमाल की धमकी दी। वह अनुसूचित जाति की महिला है ।
पुलिस ने केस दर्ज कर विवेचना की और आरोपी बलराम पांडेय के खिलाफ दलित उत्पीड़न, घर में घुसकर दुष्कर्म करने, जानमाल की धमकी एवं दलित महिला का उत्पीड़न के अपराध में आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया।
आरोपी अभियुक्त की तरफ से न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि वह निर्दोष है। इस मामले में उसे रंजिशन ब्लैकमेल करने के लिए फंसा दिया गया है। महिला मनबढ़ व खुराफाती किस्म की है, जो अक्सर बात-बात पर गांव के लोगों के खिलाफ झूठा प्रार्थना पत्र देकर बाद में रुपये लेकर सुलह कर लेती है।
अभियोगिनी द्वारा कथित घटना के पूर्व माह अगस्त 2021 में दो बार उसके खिलाफ झूठा प्रार्थनापत्र देकर बाद में सुलहमाना लिखवा चुकी है। लेकिन उससे नाजायज तरीके से धनादोहन करने के इरादे से फर्जी कहानी बनाकर झूठा केस दर्ज कराया है। इसलिए उसे जमानत प्रदान की जाए।
राज्य सरकार की तरफ से विशेष लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त लंबे समय से पीड़िता से दुष्कर्म कर रहा था। इसकी पुष्टि पीड़िता ने अपने बयानों में की है। इसलिए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाए। न्यायालय ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनकर पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया।
पीड़िता के पुलिस के समक्ष एवं न्यायालय के समक्ष घटना की पुष्टि में अंकित कराए बयानों, उसके अनुसूचित जाति के होने एवं घटना के तथ्यों व परिस्थितियों को ध्यान में रखकर मामले के गुणदोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना आरोपी अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने योग्य पाकर खारिज कर दिया। आरोपी जेल में है।
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