बढ़नी – सिद्धार्थ डाइग्नोस्टिक सेंटर पर एस डी एम के छापेमारी में फर्जीवाड़ा बेनकाब
स्वास्थ्य विभाग के आशीर्वाद से ऐसे पैथोलॉजी सेंटरों की भरमार है बढ़नी में
गुरु जी की कलम से बढ़नी, सिद्धार्थनगर
सिद्धार्थनगर के स्वास्थ्य तंत्र की हकीकत एक बार फिर उजागर हो गई है। बढ़नी स्थित सिद्धार्थ डायग्नोस्टिक एंड अल्ट्रासाउंड सेंटर पर वर्षों से चल रही अनियमितताओं की पोल आज SDM शोहरतगढ़ राहुल सिंह ने खोल दी। MOIC डॉ. अविनाश चौधरी व एसएचओ ढेबरुआ गौरव सिंह की टीम के साथ की गई दोपहर 12 बजे की छापेमारी में चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई।
डॉक्टर का नाम, मगर डॉक्टर नदारद
जांच के दौरान पाया गया कि सेंटर का रजिस्ट्रेशन तो है, लेकिन डॉ. एम. अंसारी (एमबीबीएस, एमडी), जिनके नाम से अल्ट्रासाउंड रिपोर्टें बनाई जाती हैं, वह मौके पर मौजूद नहीं थे। इससे भी गंभीर बात यह रही कि सेंटर में डॉ. अंसारी के हस्ताक्षर और स्टांप लगी कई खाली रिपोर्टें पाई गईं, जिससे साफ होता है कि बिना किसी विशेषज्ञ की मौजूदगी के अल्ट्रासाउंड किए जा रहे थे।
मरीजों से की सीधी बात – खुली पोलछापेमारी के दौरान SDM राहुल सिंह ने मरीजों से सीधा संवाद किया और यह पुष्टि की कि बिना डॉक्टर के ही उनकी जांच की जा रही थी। इस सेंटर पर पहले से ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी द्वारा एचआरपी दिवस के नाम पर 30-40 मुफ्त अल्ट्रासाउंड कराए जाते थे। अब सवाल यह उठता है कि—
जब डॉक्टर मौके पर नहीं थे, तो अल्ट्रासाउंड किसने किया?
बिना विशेषज्ञ जांच के रिपोर्ट कितनी सटीक है?
फर्जी रिपोर्ट से मरीजों की जान के साथ कितना बड़ा खतरा खड़ा हो सकता है?
क्या स्वास्थ्य विभाग ने जानबूझकर आंखें मूंद रखी हैं?
जब जिले के डीएम और एसपी दोनों डॉक्टर हैं, तो इन फर्जीवाड़ों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही थी?