शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर।
नगर पंचायत कार्यालय शोहरतगढ़ द्वारा पत्रों का सत्यापन किए जाने के बावजूद तहसील स्तर पर चार-चार महीने से जन्म प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं। इस लापरवाही के चलते नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के सैकड़ों बच्चों का स्कूलों में दाखिला बाधित हो रहा है और उनकी शिक्षा पर संकट खड़ा हो गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, शोहरतगढ़ और बढ़नी ब्लॉक क्षेत्र के करीब 200 जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र फंसे हुए हैं। सत्यापन की सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बावजूद प्रमाण पत्र निर्गत न होना आम जनता के लिए भारी परेशानी का सबब बन गया है। बच्चों के अभिभावक लगातार तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है।
विद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया तेजी से चल रही है, ऐसे में समय से प्रमाण पत्र न मिलने से कई बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। बिना जन्म प्रमाण पत्र के विद्यालय प्रबंधन भी दाखिला देने से इनकार कर रहे हैं। इससे न सिर्फ बच्चों का शैक्षणिक सत्र प्रभावित हो रहा है, बल्कि अभिभावकों में भी भारी आक्रोश है।
इस गंभीर समस्या को देखते हुए नगर पंचायत शोहरतगढ़ के सभासद बाबू जी सहित क्षेत्रीय जनता ने प्रशासन से मांग की है कि तहसील शोहरतगढ़ के जिम्मेदार अधिकारियों को शीघ्र निर्देशित किया जाए ताकि लंबित प्रमाण पत्रों का तत्काल निस्तारण हो सके और बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
सत्यापन के बाद भी प्रमाण पत्र जारी करने में देरी क्यों?
शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार से बच्चों को वंचित रखने के लिए कौन जिम्मेदार? आम जनता को राहत कब मिलेगी?