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Kapilvastupost reporter
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के कला संकाय में आयोजित सात दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन शनिवार को समापन समारोह पर शोधार्थियों को डॉ रेनू त्रिपाठी “साहित्य में शोध: चुनौतियां एवं संभावनाएं” विषय पर अपना वक्तव्य दिया। जिसमें डॉ. रेनू त्रिपाठी ने शोध में स्थापित सम्माननीय देश के महत्वपूर्ण पुस्तकालयों के बारे में शोधर्थियों को सूचना दी। इस कार्यशाला के अंतिम दिन के दितीय सत्र में प्रो सुशील तिवारी ने शोध दर्शन पर अपने विचार रखे और सात दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र में विभिन्न शोधार्थियों द्वारा सप्त दिवसीय कार्यशाला के समापन के अवसर पर अपने अनुभव साझा किए। जिसमें मुख्य रूप से गरिमा श्रीवास्तव ने कार्यशाला को शोधार्थियों के लिए मील का पत्थर कहा तथा शुभम कुमारी ने कार्यशाला को शोधर्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी बताते हुए इसके उपादेयता पर अपना विचार रखा। सफ़ीना बेगम ने भी अपना विचार एक काव्य के माध्यम से प्रस्तुत किया तथा कई अन्य शोधार्थियों ने भी इस मौके पर कार्यशाला के आयोजक मंडल को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों की उपलब्धता ने मंच को और सुशोभित किया। और अंत में राजनीति विज्ञान की शोध छात्रा अपर्णा पांडेय धन्यवाद ज्ञापित किया।
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