शोहरतगढ़ नौगढ़ बढ़नी उसका बाज़ार के रेलवे स्टेशनों पर मालगोदाम नहीं होने से व्यापारियों को परेशानी

अभिषेक शुक्ला 

सिद्धार्थनगर, अंग्रेजी शासन काल में शहर स्थित सिद्धार्थनगर समेत उस्का बाजार, चिल्हिया, शोहरतगढ़ और बढ़नी जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर मॉल गोदाम बनाया गया था। समय के साथ व्यापार और कारोबार बढ़ा तो माल गोदाम का अस्तित्व ही खत्म कर दिया गया।

ऐसे में उर्वरक की रैक हो या बड़े व्यापारियों के गुड्स, उन्हें बस्ती अथवा गोरखपुर से प्राप्त करना होता है। जिससे माल भाडा बढ़ने से लागत मूल्य बढ़ जाता है जो अंत में उपभोक्ताओं के सर पर बोझ बढ़ जाता है |

जनपद के शोहरतगढ़ नौगढ़ बढ़नी उसका बाज़ार किसी भी रेलवे स्टेशन पर माल गोदाम को कौन कहे, प्लेटफार्म तक की सुविधा नहीं है। माल का प्लेटफार्म बनने पर शहर के बड़े व्यापारी सीधे कारखाने से अपना माल मंगवा लेते थे उर्वरक सहित अन्य सामान सस्ता होने के साथ ही आसानी से सुरक्षित पहुँच जाया करते थे |

गोरखपुर में फर्टिलाइजर कारखाना शुरू होने के बाद माल प्लेटफार्म की जरूरत और बढ़ गई है, ताकि जिले में उर्वरक का रैक प्वाइंट बन सके। भारत-नेपाल सीमा स्थित बढ़नी कस्बे में माल का माल का प्लेटफार्म बनाए जाने पर परिवहन की सुविधा बेहतर हो सकती है, जबकि सिद्धार्थनगर रेलवे स्टेशन पर माल प्लेटफार्म बनाने के लिए सर्वे भी हो चुका है। इसके अंतर्गत अतिरिक्त प्लेटफार्म के साथ बड़े आकार में शेड बनाने की योजना शामिल है।

बताते चलें कि दशकों पहले in रेलवे स्टेशन पर रेलवे माल गोदाम हुवा करता था जिसका भरपूर उपयोग व्यापारी समाज करता था जो समय के साथ रेलवे विभाग द्वारा कदम ताल नहीं मिलाने के कारण गोदामों का रख रखाव खटाई में पड़ गया धीरे धीरे व्यापारी अपना माल सड़क परिवहन मार्ग से अपना माल मंगाने लगा और इनकी उपयोगिता समाप्त हो गयी |

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