

21 फरवरी को मंदिर से कलश यात्रा निकली जो कस्बे के विभिन्न मोहल्लों से होते हुए हुवे डोई नदी के तट पर वापस चली गई। इस दौरान बड़ी संख्या में सनातन भक्त उपस्थित रहे।
यात्रा से पूर्व पथ को दिव्यों से स्नान आदि के बाद नगर पंचायतों के पांच मंदिरों में किए गए प्राण विशिष्ट प्रकृति की पूजा अर्चना कर मंत्रोचार के साथ अंक दिए गए।
शोभायात्रा कारण माता मंदिर से निकलकर छतहरा, गड़ाकुल, श्रीम जानकी, व दोई शिव मंदिर। शोभायात्रा में शामिल हुई महिला मंगलगीत गाते हुए चल रही थी जिससे पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया।
पुजारी राजेंद्र पांडेय, टिल्लू शर्मा ने कहा कि वेद पुराण के अनुसार उपस्थिति का प्राण प्रतिष्ठा करने से पूर्व पांच कार्य में स्थापित प्राण विशिष्ट रूप से मन्त्रोचार कर टच की परंपराएं हैं जो सदियों से चली आ रही हैं। इस दौरान थानाध्यक्ष पंकज पांडेय, रामसेवक गुप्ता, किशोर लाल, रवि अग्रवाल, श्रवण कुमार वर्मा, विश्वनाथ ऊमर, उमा अग्रवाल, कुमुद वर्मा, शैल सोनी आदि रहे।
स्पॉट किए गए किस्बे के युवा समाज सेवी और प्रतिष्ठित व्यवसाई रवि अग्रवाल ने इस बड़े दावे से आम सनातनी की चमक में आपके जीवन का काम किया है इस शानदार जगह से उनकी चारों ओर प्रशंसा हो रही है यही स्फटिक शिव के रूप में शिव नहीं हैं लिंग की स्थापना, स्थापना क्षेत्र में अपना व परिवार का नाम इतिहास में दर्ज किया जाता है। स्फटिक शिवलिंग की संख्या प्रदेश के गिनी मंदिर फिर स्थित है।
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