Skip to content
Abhishek shukla
डुमरियागंज सिद्धार्थनगर
रविवार शाम क्षेत्र के हल्लौर स्थित इमाम बारगाह अबू तालिब इसमें समीम उन निशा बिनते बदरुल हसन के 40 में की मजलिस को संबोधित करते हुए जाकिर अहलेबैत जमाल हैदर करबलाई ने कहा कि इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम से किसी ने पूछा कि वालीदैन के साथ एहसान करने का क्या मतलब है आपने फरमाया मां बाप से अच्छा सुलूक करो।वले वालेदेइया ऐहसाना।
मालूम किया गया कि कुरान की इस आयत का क्या मतलब है तो आपने फरमाया उनसे अच्छा बर्ताव करो उनको जिस चीज की जरूरत हो उनके बिना मांगे दे दो चाहे वह मालदार ही क्यों ना हो फिर पूछा कि इस आयत का क्या मतलब है कि उनमें से एक या दोनों बुड्ढे हो जाएं तो उनसे कुछ भी मत कहो
और ना कभी उनको दांतों और उनसे शरीफा ना अंदाज में बातचीत करो और अगर वह तुम को मारे तो तुम उनसे यह कहो कि खुदा तुमको बकसे और उनकी आवाज पर अपनी आवाज बुलंद ना करो उनके आगे मत चलो क्योंकि
वालीदैन कायनात की उस जात को कहते हैं जो अपने बच्चों की खुशी के आगे अपनी हर छोटी से लेकर बड़ी खुशी को कुर्बान कर देते हैं हमें उनसे हर हाल में नेक बर्ताव करने का ज्यादा से ज्यादा हक अदा करने का मौका अपने अंदर क्लास करना चाहिए और जब हमारे मां-बाप इस दुनिया को छोड़कर चले जाएं तो उनकी मग फिरत के लिए नमाज रोजा हज जकात जैसे नेक अमल को अल्लाह की राह में अंजाम देना चाहिए
इन तमाम कामों से अल्लाह भी खुश होगा और खुदा तुमको इसका अच्छा सिला देगा। अंत में जनाबे जैनब के मसायब बयान किया। मजलिस से पूर्व अंबर मेहंदी शराब हल्लोरी व अब्बास अली ने मरसिया पेश किया मजलिस के दौरान इंतजार है
दर शहर शहरयार हैदर डेविड सरदार हैदर नफीस उल हसन मेहंदी अब्बास जलाल हैदर कामयाब हैदर साकिब रिजवी काजिम रजा फहीम हैदर नायाब हैदर समीम रजा प्रिंस मेहंदी पप्पू पल्सर अलमदार हुसैन सब्लू मोहम्मद मेहंदी हैदर सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
error: Content is protected !!