

कमर और घुटनों में दर्द का एक प्राकृतिक कारण यह भी है कि लगभग 40 वर्ष की उम्र सीमा के बाद बोनमेट्रिक्स का बनना लगभग धीरे धीरे कम हो जाता है और हड्डियांकमजोर होती चली जाती हैं जिससे दर्द होने लगता है।
ऐसी बात नहीं है शरीर में जितने भी अंग है उनकी कार्यक्षमता एक उम्र के बाद कम होने लगती है। कमर और घुटनों के दर्द में शल्य चिकित्सा के माध्यम से निदान होता है और दवाओं के प्रभाव से भी दर्द को कम किया जाता है इसमें बोनमेट्रिक्स के निर्माण प्रक्रिया को बढ़ाने उनका क्षरण कम करके उसका इलाज किया जाता है। इसमें व्यक्ति का वजन उम्र के हिसाब से घटाकर एक बैलेंस्ड बॉडी या आप कह लीजिए एक स्टैण्डर्ड भार पर लाया जाता है जिससे हड्डियां शरीर के वजन की आसानी से सहन कर सकें|
बहुत ज्यादा बैठे या लेटे रहने के कारण भी कमर में दर्द की दिक्कत हो जाती है. किसी ना किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी करते रहें. यहां से वहां टहलें. बैठे-बैठे सब्जी काटने की जगह खड़े होकर काटें, दिनभर ऑफिस में किसी बहाने यहां से वहां चलें, पार्क जाकर सैर करें ये फिर एक्सरसाइज, योगा और एरोबिक्स के लिए वक्त निकालें | पोषक तत्वों की कमी: कमर में दर्द होने के पीछे मुख्य कारण कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन डी, ओमेगा युक्त एसिड आदि महत्वपूर्ण तत्वों की कमी से होता है |
मजबूत खान पान नियमित व्यायाम और योग करें- शरीर को लचीला और अच्छी शारीरिक मुद्रा बनाये रखने के लिए योग और व्यायाम सबसे सही तरीके हैं। नियमित योग करने से तनाव कम होता है और यह पूर्ण रूप से शरीर के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखता है।
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