भारत-साउथ कोरिया के सम्बंध को मजबूत करने के लिए साउथ कोरिया से आये बौद्ध तीर्थ यात्रियों ने किया प्रार्थना

kapilvastupost reporter 

सिद्धार्थनगर। साउथ कोरिया से आये 108 बौद्ध भिक्षुओं ने बुद्धवार को ककरहवा के रास्ते भारत में प्रवेश किया। बताते चलें ये बौद्ध भिक्षु
9 फरवरी से पद यात्रा पर है जो 23 मार्च तक चलेगा, ये पद यात्रा विश्व शांति के लिए बौद्ध तीर्थ स्थलों का पैदल भ्रमण कर रहे हैं।

इन बौद्ध भिक्षुओं ने 9 फरवरी से सारनाथ से पद यात्रा शुरू किया। राजगीर, कुशीनगर हुते हुए सोनौली के रास्ते मंगलवार को लुम्बिनी पहुंचे। लुम्बिनी से बुद्धवार की भोर में पैदल ही चलते हुए ककरहवा के रास्ते भारत मे प्रवेश किया जंहा पर यात्रियों की सुविधा के लिए भारत द्वारा मोबाइल इमिग्रेशन की व्यवस्था कर दी गई थी।

जिससे इन बौद्ध भिक्षुओं की यात्रा सुगम हुई। ककरहवा में जलपान करने के बाद यात्री टीम नंदनगर विद्यालय पहुची जन्हा पर नाश्ता कर आराम किया ततपश्चात पैदल यात्रा करते हुए बौद्ध भिक्षुओं की टीम पैदल ही कपिलवस्तु स्तूप एव गेनवरिय राजप्रसाद पहुँच कर ध्यान किया।

तत्पश्चात विश्वविद्यालय के समीप निर्माणाधीन पर्यटक क्षेत्र में पहुचकर दिन में विश्राम किया। तथा शाम को पर्यटक क्षेत्र में पूजा अर्चना शुरू किया। पूजा करते हुए साउथ कोरिया के यात्रियों ने बताया कि भारत साउथ कोरिया के सम्बंध और भी गहरा हो यही कामना करते हुए पद यात्रा कर रहे हैं।

साउथ कोरिया से भगवान बुद्ध की प्रतिमा साथ साथ लेकर पूजा करते हुए चल रहे हैं। विश्व के स्वास्थ्य एव समृद्धि के लिए कामना कर रहे हैं। कपिलवस्तु में आये साउथ कोरिया के बौद्ध तीर्थ यात्रियों ने कपिलवस्तु में भगवान बुद्ध का पूजा अर्चना किया तथा भगवान बुद्ध का जो कोरियन भाषा मे इतिहास लिखा गया है उसका भी उल्लेख किया और 108 बार भगवान बुद्ध का दंडवत प्रणाम किया तथा भारत एवं साउथ कोरिया के सम्बंध को बेहतर बनाने एव विश्व शांति के लिए प्रार्थना किया।

यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए कोरियाई यात्रियों ने जिलाधिकारी संजीव रंजन का आभार प्रकट किया। तथा डीएम, एसपी , सीडीओ, एसडीएम को स्मृति चिह्न एव माला देकर सम्मानित किया गया। बौद्ध तीर्थ यात्रियों में छंग हो सुनिम, योन हे सुनिम सहित कुल 108 पर्यटक है।

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