योग और व्यायाम करने से ध्यान के माध्यम से एकाग्रता का विकास होता है:कुलपति

kapilvastupost reporter 

सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर में बुद्धवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शिक्षकों कर्मचारियों एवं छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर हरी बहादुर श्रीवास्तव ने कहा की विश्व योग दिवस के व्यापक रूप से मनाए जाने के कारण संपूर्ण दुनिया में भारत की यश और प्रतिष्ठा बढ़ी है।

आज दुनिया ने भारत के योग के माध्यम से सुखी संसार की परिकल्पना को स्वीकार किया है। यह केवल मानसिक एवं शारीरिक रूप से व्यक्ति को स्वस्थ नहीं करता अपितु उज्जवल और खुशहाल समाज के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योग के माध्यम से हम पर्यावरण को भी स्वच्छ और सुरक्षित कर सकते हैं।

विशेष रूप से विद्यार्थियों को योग और व्यायाम करना चाहिए ध्यान के माध्यम से एकाग्रता का विकास होता है और उत्तम विद्यार्थी के लिए पहली शर्त उसका एक एकाग्रचित होना है। ऐसे में योग विद्यार्थियों के लिए रामबाण का कार्य करेगी।

इस अवसर पर सदर विधायक श्याम धनी राही ने कहा कि भारतीय प्राचीन ग्रंथों में योग की महत्ता और उसकी उपयोगिता की विशेष रूप से चर्चा की गई है। योग को आज दुनिया ने स्वीकार किया है। भारत का नाम प्रधानमंत्री के नेतृत्व और प्रेरणा से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में योग को व्यापक स्वरूप प्रदान किया गया है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का बहुत ही सार्थक प्रयास आज के दिन के लिए हुआ है। निश्चित रूप से योग के प्रचार प्रसार में इस तरह के प्रेरणा स्रोत अमृत के समान होते हैं। आज इस माध्यम से करोड़ों लोग योगाभ्यास कर रहे हैं। युवकों को योगाभ्यास अपनी दिनचर्या में सम्मिलित कर मैं केवल मनुष्य मन और शरीर से स्वस्थ हो सकता है वरन मनुष्य का पर्यावरण भी योग के माध्यम युवकों को हिष्टपुस्ट बनाया जा सकता है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के ओकुलसचिव डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि विशेष रूप से विद्यार्थी जीवन में योग की बहुत उपयोगिता है विद्यार्थियों के लिए एकाग्रता अत्यंत आवश्यक है। योग के द्वारा एकत्रित होने का मार्ग प्रशस्त होता है। शिक्षकों के लिए भी योग की भूमिका महत्वपूर्ण है।

जिस तरह से आज कार्य की अधिकता है और व्यापक क्षेत्र में व्यक्ति को कार्य करना पड़ रहा है ऐसे में योग उसे संभल और शक्ति प्रदान करेगा। कर्मचारियों के लिए भी योग की अपनी अलग महत्ता है। योग व्यक्ति के अंदर क्षमता का विकास करेगा। अधिक से अधिक कार्य करने में दक्ष हो सकता है।

इसलिए शिक्षण संस्थाओं में योग किया जाना बहुत ही फलदाई होगा। आज के इस अवसर पर हजारों विद्यार्थियों और शिक्षकों कर्मचारियों ने योगाभ्यास किया। मुझे विश्वास है कि आज प्रति दिन हम सब अपने जीवन में योगाभ्यास को महत्व देंगे और इसको दिनचर्या में सम्मिलित करेंगे।

इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर हरीश कुमार शर्मा ने सभी का स्वागत किया। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय परिसर के अतिरिक्त कपिलवस्तु गनवरिया स्तूप पर प्रो दीपक बाबू डॉक्टर शिवम शुक्ला, डॉ देवबक्स सिंह के नेतृत्व में विद्यार्थियों कर्मचारियों एवं पर्यटन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों ने किया।

इसी क्रम में सशस्त्र सीमा बल अलीगढ़वा में भी सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के सयुंक्त तत्वाधान में में योगाभ्यास किया गया। जिसमें सुनीता त्रिपाठी कार्यक्रम सहसंयोजक, डॉ अविनाश प्रताप सिंह, डॉ नीरज सिंह विश्वविद्यालय के कर्मचारियों विद्यार्थियों एवम जवानों के साथ योगाभ्यास किया।