📅 Published on: July 10, 2023
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शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर | शोहरतगढ़ करबे में धड़ल्ले से चल रहे अवैध हॉस्पिटलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग कितना भी सतर्क दिखे; किन्तु दबंगो के आगे उसकी एक न चल रही है। नोटिस के बाद भी स्वास्थ्य विभाग कार्यवाही के नाम पर बचते नज़र आ रहे है।
ताजा मामला जनपद के शोहरतगढ़ कस्बे में संचालित जनहित हॉस्पिटल एण्ड फ्रैक्चर क्लीनिक से जुड़ा हुआ है ।लगातार मिल रही शिकायतों को लेकर अधीक्षक आर जी सिंह ने अपनी टीम के साथ कस्बे के जनहित हास्पिटल एंड फ्रैक्चर क्लीनिक अस्पताल में छापेमारी की |
10 विन्दुओं के नोटिस में उन्होंने बताया कि निरीक्षण के समय बीते 5 जुलाई को हॉस्पिटल संचालित था और हॉस्पिटल संचालक अरविन्द तिवारी अन्य स्टाफ के साथ मौके पर मौजूद मिले और कुछ मरीज व ‘तीमारदार भी मौके पर मिले । हॉस्पिटल पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया किंतु पंजीकरण अभी अप्प्रूव नहीं हुआ है।
ऑनलाइन आवेदन में दर्शाए गए चिकित्सक, फार्मासिस्ट तथा एएनएम व स्टाफ नर्स मौके पर उपस्थित नहीं पाए गये, बल्कि अन्य अप्रशिक्षित स्टाफ उपस्थित मिले | हॉस्पिटल में मेडिकल स्टोर संचालित हेते हुए पाया गया, जिसकी लाइसेंस मांगे जाने पर संचालक द्वारा प्रस्तुत नही किया गया। डॉ. मोहम्मद जमाल जो की बीएएमएस है वे ओपीडी कक्ष में मौजूद मिले । हॉस्पिटल में बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन संबंधी व्यवस्था नहीं पायी गयी।
हॉस्पिटल में मरीज का अल्ट्रासाउंड करते हुए पाया गया किन्तु प्रबंधक द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत पंजीकरण प्रस्तुत नहीं किया जा सका |
अधीक्षक ने बताया अस्पताल में गीता पत्नी जनार्दन निवासी ग्राम कहिया पोस्ट चेतरा को बच्चेदानी की गांठ का ऑपरेशन कर तथा गीता पत्नी राजेश निवासी ग्राम कोटिया बाजार पोस्ट मोहनकोला का सिजेरियन सेक्सन कर हॉस्पिटल में भर्ती रखा गया था |
प्रबंधक से दोनों ही मरीजों का बीएचटी मांगने पर उनके द्वारा ना तो वीएचटी और ना ही ऑपरेशन संबंधित अन्य अमिलेख प्रस्तुत किया जा सका। प्रबंधक से पूछने पर बताया गया कि डॉ डीसी चौधरी सर्जन द्वारा ऑपरेशन किया गया है, जिसकी तैनाती जिला संयुक्त चिकित्सालय सिद्धार्थनगर है |
जब इस संदर्भ में डॉक्टर से जानकारी चाही है तो उनके द्वारा उक्त तथ्य को स्वीकार नहीं किया गया ,यही नहीं जांच टीम की मौजूदगी में जनहित हास्पिटल एण्ड फ्रैक्चर क्लिनिक सेंटर के मेन दरवाज़े से अल्ट्रासाउंड मशीन निकलकर मौके से हटा दिया गया |
अधीक्षक आर जी सिंह का कहना है कि हमारा काम हॉस्पिटल को नोटिस देना था सील करने के प्रक्रिया सी एम ओ ऑफिस का काम है |
मामले में कोई कार्यवाही नहीं होने से ऐसा लगता है जैसे किसी बड़े नेता ने अपना हाथ रख दिया हो अगर ऐसा है तो कोई कुछ बिगाड़ नहीं पायेगा अस्पताल ऐसे चलता रहेगा | आम जनता को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा | हालाँकि अधीक्षक आर जी सिंह ने किसी तरह के दबाव को ख़ारिज किया है |