देश की पुलिस व्यवस्था कितनी खराब है और यह किस स्तर पर आ गई है जनता के बीच इसको लेकर पुलिसिया कार्यवाहियों को लेकर भारत को जनता कितनी दुखी है यह हम सभी जानते हैं।
ताजा मामला महाराष्ट्र से जुड़ा हुआ है जहां देश को आजादी दिलाने वाले हमारे गांधी जी ने अंग्रेजों से कितनी लड़ाइयां लड़ी कितने लोग शहीद हो गए । आज उन्ही गांधी जी के देश में उनके परपोते को अगस्त क्रांति दिवस मनाने को लेकर घर से बाहर निकलते ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ।
जिसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तरह के कॉमेंट लिखें जा रहे हैं पूरे देश में इसको लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है।
जहां देश में अगस्त क्रांति दिवस पर जगह जगह विचार गोष्ठियां और सभा का आयोजन कर देश के वीर सपूतों की कुर्बानी को याद किया जा रहा है उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है वहीं दूसरे तरफ देश को आजादी दिलाने वाले गांधी जी के परपोते तुषार गांधी को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार करके पूरे विश्व में भारतीय पुलिसिंग की मिशाल खड़ी कर दी । धन्य हो भारतीय पुलिस व्यवस्था।
गिरफ्तार करते समय महाराष्ट्र पुलिस को जरा भी खयाल नहीं रहा की तुषार गांधी कौन हैं। भारत छोड़ो दिवस मनाने के लिए घर से निकले महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी को हिरासत में लेने पर कहा- ‘मुझे गर्व है’ महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी को उस समय हिरासत में ले लिया गया, जब वह 9 अगस्त भारत छोड़ो दिवस मनाने के लिए घर से निकले थे।
गांधी ने ट्विटर पर कहा, स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार मुझे सांताक्रूज पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया है क्योंकि मैं 9 अगस्त भारत छोड़ो दिवस मनाने के लिए घर से निकला था। मुझे गर्व है कि मेरे परदादा बापू और बा को भी ऐतिहासिक तारीख पर ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
भारत छोड़ो आंदोलन, जिसे अगस्त आंदोलन के नाम से जाना जाता है, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में खड़ा है। वर्ष 2023 भारत छोड़ो आंदोलन की 81वीं वर्षगांठ है। भारत छोड़ो आंदोलन दिवस हर साल 9 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन स्वतंत्रता के संघर्ष के दौरान भारतीय जनता द्वारा किए गए बलिदानों को श्रद्धांजलि के रूप में कार्य करता है।
भारत छोड़ो आंदोलन, जिसे ‘भारत छोड़ो आंदोलन’, ‘अगस्त आंदोलन’ या ‘अगस्त क्रांति’ के नाम से भी जाना जाता है, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 9 अगस्त, 1942 को शुरू हुआ था। महात्मा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेतृत्व में, इसका उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त करना था। यह आंदोलन बम्बई (अब मुंबई) के गोवालिया टैंक मैदान में शुरू हुआ। गांधीजी ने अंग्रेजों से भारत छोड़ने का आह्वान किया और नारा था “करो या मरो।” इस आह्वान का कई लोगों ने समर्थन किया. हालाँकि, ब्रिटिश सरकार ने त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने देश भर में कांग्रेस कार्यालयों पर भी छापे मारे।
आंदोलन के दौरान लगभग 100,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया और लंबे समय तक हिरासत में रखा गया, जबकि लगभग 1,000 लोग मारे गए और 2,500 से अधिक घायल हुए। अंग्रेज गांधी और नेहरू जैसे प्रमुख नेताओं को कैद करके आंदोलन को दबाने में कामयाब रहे। इसके परिणामस्वरूप मौतें और गिरफ्तारियां हुईं। इसके बावजूद, भारत छोड़ो आंदोलन ने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।