शोहरतगढ़ – प्रशासन के विरोध में मुस्लिम समाज ने जुलूस को आधे रास्ते से किया वापस ,मुस्लिम समुदाय में रोष

Democrate

मुसलमानों के आखिरी पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम के जन्म दिन के मौके पर कस्बा स्थित जामा मस्जिद से सुबह ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकाला जाना था आम तौर पर यह जुलूस आठ बजे तक निकाला जाता है और लगभग ग्यारह बारह बजे इसका समापन भी हो जाता है |

जुलूस के डी जे को प्रशासन ने अपने कब्जे में कर लिया प्रशासन के लोगों का कहना था सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार दो डी जे साउंड ही बजेगा इसको लेकर मुस्लिम जनप्रतिनिधियों और प्रशासन में ताल मेल नहीं बैठ पाने के कारण और प्रशासन द्वारा गाड़ी छोड़ने के आश्वासन पर जुलूस अपने निर्धारित समय से दो घंटे देर से निकला |

जुलूस अपने नबी के हमदो सना पढ़ता आगे बढ़ता गया और जब रमजान गली चौराहे पर पहुंचा तो प्रशासन से डी जे वाली गाड़ी थाने से बुलाने की मांग फिर होने लगी लंबी कहा सुनी मान मनौव्वल के बाद भी जब डी जे की गाड़ी जुलूस में शामिल नहीं हो पाई |

मुस्लिम समाज की मांग नहीं पूरी होने पर जुलूस के नेतृत्व करता और नौजवान कमेटी के लोगों ने जुलूस को आधे रास्ते से ही वापस कर प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध जताया।

बताते चलें कि रमजान चौराहे से पुलिस पिकेट राम जानकी मंदिर गड़ाकुल चौराहा मालगोदम तक जाना था लेकिन जुलूस रमजान गली से ही वापस हो गया।

इस संबंध में एस डी एम प्रदीप कुमार यादव ने कहा कि मैं सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइन का पालन कराते हुवे दो डी जे लगाने का आदेश कई बार मुस्लिम पक्ष के सामने रखा था बहरहाल अंत तक मुस्लिम समाज के जुलूस में डी जे की गाड़ी नहीं आ पाने के कारण जुलूस वापस हो गई।

बहरहाल जिस कड़ाई से सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन शोहरतगढ कस्बे के जुलूस पर कराया गया है उससे एक चैलेंज खुद से एस डी प्रदीप यादव ने मोल ले लिया है आज शाम को ही गणेश चतुर्थी का जुलूस निकलना है जिसके लिए हिंदू समाज ने डी सी एम भर भर के डी जे का इन्तेजाम कर रखा है |

गणेश चतुर्थी में बजने के लिए आया यह डी जे तहसील प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहा है ऐसे में प्रदीप यादव कितने कामयाब हो पाते हैं यह बड़ा प्रश्न उभरकर सामने आ रहा है जिसके जवाब का मुस्लिम पक्ष को बेसबरी से इंतजार रहेगा।

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