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सरताज आलम
सरकारी अस्पताल में इलाज को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के तमाम दावे हवा हवाई ही साबित हो रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय, लैब टेक्नीशियन व सफाई कर्मचारी के भरोसे ही स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधायें पाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। जिम्मेदारों द्वारा निगरानी नहीं करने से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाक्टरों की मनमानी मरीजों पर भारी पड़ रही है। स्वास्थ्य केन्द्रों पर ना तो डाक्टर मिलते हैं ना ही मरीजों को सभी दवायें मिल पाती हैं, जिसके कारण मरीजों को इलाज के लिए अप्रशिक्षित व झोलाछाप डाक्टरों के पास जाने को मजबूर होना पड़ता है। वहीं क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि इन केन्द्र पर तैनात डाक्टर विभागीय सेटिंग के चलते डाक्टर अक्सर गायब ही रहते हैं। लेट लपेट आकर अपनी हाजिरी लगा देते हैं। संवाददाता की पड़ताल में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भनवापुर पर चिकित्सा अधिकारी डा0 आशीष सत्यार्थी की कुर्सी खाली मिली। यहां पर फार्मासिस्ट द्वारा मरीजों को इलाज व दवा किया जाता है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द भनवापुर पर फार्मासिस्ट वार्ड ब्वाय और लैब टेक्नीशियनत्व के ही सहारे स्वास्थ्य केन्द्र संचालित होता है। यहां से डाक्टर अक्सर नदारद रहते हैं राजू ने बताया कि खांसी बुखार था, डाक्टर को दिखाने गया तो पता चला डाक्टर साहब नहीं हैं। थक हार कर मजबूरी में चौराहा पर जाकर निजी क्लीनिक पर झोलाछाप से इलाज कराना पड़ा। अपराह्न 02:15 बजे चिकित्सा अधिकारी डा0 आशीष सत्यार्थी को 03-03 बार फोन करने पर उन्होंने फोन उठाना मुनासिब भी नहीं समझा।
वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भनवापुर में डा0 आशीष सत्यार्थी चिकित्सा अधिकारी, प्रमात्मा प्रसाद फार्मासिस्ट, अमित तिवारी लैबटेक्नीशियन, संजय चौबे वार्ड ब्वाय व अर्जुन सफाई कर्मचारी सहित कुल पांच स्टाफ़ की तैनाती है। क्षेत्र के ही कुसम्ही ग्राम से बाबू राम तेज बुखार से पीड़ित अपनी बच्ची का ईलाज कराने आये थे। डाक्टर आशीष सत्यार्थी के नहीं मिलने पर फार्मासिस्ट प्रमात्मा प्रसाद ने दवा वगैरह दिया।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भनवापुर में भण्डारण कक्ष, ओपीडी सहित पूरे भवन में बरसात में सीलन बना रहता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कैम्पस में स्थित सभी आवास एकदम जर्जर हालत में हैं। इस समय सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 04 बजे तक है। वहीं लाखों रूपये तन्ख्वाह के रूप में मोटी रकम लेने वाले डाक्टरों की आखिरी क्या मजबूरी है कि आये दिन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से नदारद रहते हैं। इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 एन0के0 वाजपेयी को फोन करने पर उन्होंने बताया कि हम जांच करवाकर सख्त से सख्त कार्यवाही करेंगे कि आखिर क्यों नहीं डाक्टर पूरे समय तक बैठते हैं, जांच कराकर सख्त कार्यवाही करेंगे और सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से जर्जर हालत में आवास की सूची मंगवाया जायेगा।
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