डॉ सरफ़राज़ की राह को आसान करने के लिए दिन रात मेहनत करते बड़े भाई डॉक्टर शादाब
एस खान
क़स्बा शोहरतगढ़ के मशहूर डॉक्टर अंसारी परिवार से 2022 के विधानसभा चुनाव में शोहरतगढ़ की सीट से डॉक्टर शादाब के छोटे भाई डॉ सरफ़राज़ भी अपनी किसमत इस विधानसभा में आजमा रहे हैं सरफ़राज़ भागीदारी परिवर्तन मोर्चा के घटक दल जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी हैं |
जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं लोगों में सरफ़राज़ के जनसमर्थन को लेकर एक उत्साह बढ़ रहा है यही उत्साह उनके बड़े भाई डॉ शादाब में बड़े पैमाने पर देखने को मिलती ही अपने चुनावी दौड़ धुप के बीच डॉ शादाब ने कहा कि प्रोग्राम चाहे छोटा हो या बड़ा हर हाल में परिवार की एक जुटता और भागीदारी बहुत अहम् होती है |
शादाब भाई के चुनाव में रोज़ सुबह 7 बजे तक हर लिहाज से तैयार हो जाते हैं और लगभग 8 बजे तक छतहरा , छताहरी , गड़ाकुल , शोहरतगढ़ क़स्बा और नीबी दोहनी का एक राउंड 2 घंटे में पूरा करते हुवे 11 बजे अपने तयशुदा क्षेत्र में रोज़ लगभग 20 से 25 गाँव के लोगों से मिलकर अपने भाई के लिए जनसमर्थन मांगते हुवे चुनाव में सिलेंडर के निशान पर बटन दबाकर एक बड़ी जीत के लिए लोगों से कहते हैं |
अपने 12 साला डॉक्टरी कैरिएर में लगभग 15 वेर्ग किलोमीटर तक उनके अच्छे व्यवहार और हमदर्दी की अमिट छाप लोगों के दिलो दिमाग पर है आदमी चाहे जिस हाल में हो डॉ शादाब को अपने दरवाजे पर पाकर दौड़ता हुवा उनके स्वागत के लिए आता है उनकी बात सुनता है शादाब जिस गाँव में जाते हैं भीड़ लगना स्वाभाविक है |
देर शाम 7 बजे तक विधानसभा क्षेत्र से वापसी पर अपनी टीम के साथ चाय पर चर्चा और अगले दिन के प्रचार की रूप रेखा तय करते करते कब 12 बज गए समय का पता ही नहीं चलता है एक प्रत्याशी की तरह मैदान में प्रचार प्रसार करना ये एकदम से अलग होता है लेकिन जब बात परिवार की हो तो डॉक्टर शादाब एक मिशाल की तरह देखे जा सकते हैं |
डॉक्टर शादाब जिस तरह से अपनी टीम के साथ मेहनत कर रहे हैं और पब्लिक का उस रूप में जवाब मिलना ये बड़ी शानदार उपलब्धि है बहरहाल एक कहावत बहुत मशहूर है कि कौन अपना है और कौन बेगाना एक चुनाव तो लड़के देख अंसारी परिवार का डायरेक्ट चुनाव में उतरने का यह पहला मौका है इस चुनाव में बहुत कुछ सीख और समझ भी रहे हैं शादाब |
बहरहाल शोहरतगढ़ विधानसभा की लगभग तीस प्रतिसत आबादी सादाब के सीधे टच में हैं इतनी लम्बी और बड़े पैमाने पर एक पहचान का होना कहीं न कहीं कई लोगों का खेल बिगाड़ देगी |