राजकीय बौद्ध संग्रहालय में आयोजित हुआ चित्र कला प्रतियोगिता

जे पी गुप्ता

सिद्धार्थनगर। संग्रहालय अतीत का संरक्षक भविष्य का शिक्षक एवं ज्ञान का वातायन है। संग्रहालय का मूल उद्देश्य जन सामान्य को मनोरंजन पूर्ण ढंग से शिक्षित करना एवं अपने धरोहर के संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। स्वयं का अपने अतीत से जोड़कर ही हम वर्तमान को गौरवमयी बना सकते हैं।

इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए समाज के हर वर्ग को जोड़ने के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं यथा चित्रकला निबंध, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाता है। जिससे नौनिहालों के भीतर छिपी प्रतिभा को उजागर कर उन्हें और ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। बच्चे समाज का आईना है, इनमें छिपी प्रतिभा को निखारने एवं अभीष्ट लक्ष्य की प्राप्ति हेतु प्रोत्साहित करना भी संग्रहालय का उद्देश है।

इसी कड़ी में दिनांक शनिवार को राजकीय बौद्ध संग्रहालय पिपरहवा सिद्धार्थनगर द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव एवं चौरी चौरा शताब्दी समारोह के अंतर्गत आजादी के लिए अपने जीवन को न्योछावर कर देने वाले चंद्रशेखर आजाद का शहीद दिवस की पूर्व संध्या पर स्थानीय विद्यालय के सीनियर वर्ग के छात्र-छात्राओं के मध्य चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

प्रतियोगिता में कुल 60 छात्र छात्राओं ने प्रतिभागीता की। प्रतिभागियों द्वारा अपने प्राणों को आहूत देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों जैसे चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उधमसिंह आदि शहीदों में से किसी एक पर चित्र बनाए गए समस्त प्रतिभागियों ने मनोयोग पूर्वक अपने कला कौशल का परिचय देते हुए निर्धारित विषय पर सुंदर चित्र बनाएं।

रेखांकन रंग संयोजन एवं विषय वस्तु को दृष्टिगत रखते हुए निर्णायक मंडल द्वारा स्तरीय चित्रों का चयन किया गया। उक्त प्रतियोगिता में मॉडर्न पब्लिक स्कूल अलीगढ़वा सिद्धार्थनगर के प्रथम पुरस्कार प्रिया गुप्ता द्वितीय पुरस्कार गुल इरम, तृतीय पुरस्कार शालिनी पटेल, सांत्वना पुरस्कार पूजा गुप्ता ने हाशिल किया।

मुख्य अतिथि होशिला प्रसाद पटेल विभागाध्यक्ष डी एड स्पेशल एच आई सिद्धार्थ महाविद्यालय बर्डपुर सिद्धार्थनगर द्वारा विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार तथा प्रमाण पत्र प्रदान किया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में समस्त प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि सभी बच्चे प्रतिभावान होते हैं।

किंतु आवश्यकता है उनके प्रतिभा को सवारने निखारने और उजागर करने की। इसी कड़ी में संग्रहालय का यह एक सार्थक प्रयास है। आज प्रतियोगिताओं के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा बच्चे भविष्य में रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्त कर सकते हैं एवं देश ही नहीं विश्व के महान चित्रकार बन सकते हैं।

संग्रहालय द्वारा किए गए प्रयास की सराहना करते हुए उन्होंने अपनी शुभकामना व्यक्त की। भारतीय कला एवं संस्कृति के प्रचार प्रसार एवं बच्चों को अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक करने हेतु संग्रहालय द्वारा इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

जिसका उद्देश्य भी है कि कि बच्चों में छिपी बौद्धिक क्षमता प्रतिभा को निकालना एवं उन्हें प्रोत्साहित कर उनकी कमियों को दूर करने का अवसर प्रदान करना है।

अंत में राजकीय बौद्ध संग्रहालय बौद्ध संग्रहालय पिपरहवा सिद्धार्थनगर के वीथिका सहायक रामानंद प्रजापति ने मुख्य अतिथि निर्णायक मंडल के सदस्य गण प्रधानाचार्य शिक्षक बंधु अभिभावक गण समस्त प्रतिभागियों एवं संग्रहालय सहयोगियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया

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