संविधान को बचाने के लिए जनता को आगे आना ही होगा – ज़मील सिद्दीकी

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इस समय देश विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है देश में अराजकता का माहौल है देश कि जनता शान्ति चाहती है लेकिन मुआजूदा बी जे पी सरकार लड़ाने में विश्वास रखती है अपने आपको सत्ता में बनाये रखने के लिए हर हथकंडे अपना रही है उनके पास अच्छे नेताओं की कमी है जिसे पूरा करने के लिए वह दुसरे दलों के नेताओं के उपर दबाव डालकर अपने में शामिल कर रही है |

देश आगे बढ़ना चाहता है तो बी जे पी उसे पीछे ले जाने पर तूली हुई है एक राजा की तरह शासन करना चाहती है जिसे देश के लोगों को उसका जवाब देना ही पड़ेगा |

देश में व्यक्तिगत और व्यावसायिक स्वतंत्रता के मामले में, व्यक्तिगत अधिकारों के मामले में, संविधान के माध्यम से गारंटीज की गई आजादी की एक महत्वपूर्ण दृष्टि है। भारतीय संविधान वास्तविक रूप से नागरिकों को विभिन्न मुक्तियों और अधिकारों की गारंटी प्रदान करता है, जिसमें वाणी की आजादी भी शामिल है।

भारतीय संविधान के तहत, नागरिकों को विचार, व्यक्ति, सम्मान और धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार है। इसका उपयोग किसी भी साहित्यिक, शिक्षा, नौकरी, राजनीति या किसी भी अन्य क्षेत्र में जानकारी और विचार को साझा करने के लिए किया जा सकता है।

इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के दबाव में मीडिया पत्रकार हैं जो विपक्ष की आवाज नहीं बन रहे हैं मीडिया के हर माध्यम में संविधानिक अधिकारों के उल्लंघन की स्थिति में, सरकार लगातार मीडिया के प्रसार पर नियंत्रण लगाने का काम कर रही है जिससे इंडिया गठबंधन की आवाज़ लोगों तक न पहुंचे । इस तानशाही शासन व्यवस्था को उखाड़ फेंकने के लिए जनता को  आगे आना ही होगा |

उक्त बातें सिद्धार्थ नगर  नगर पालिका परिषद् के पूर्व चेयरमैन और विधानसभा प्रत्याशी ज़मील सिद्दीकी ने लोकसभा प्रत्यशी कुशल तिवारी के साथ क्षेत्र भ्रमण के दौरान रिपोर्टर के साथ साझा करी |

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