बाल दुर्व्यवहार की रोकथाम के लिए विश्व बाल शोषण रोकथाम दिवस के अवसर पर बच्चों को लक्षित करने वाले बाल दुर्व्यवहार और साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूकता के साथ सहयोगात्मक कार्रवाई को बढ़ावा देने हेतु मानव सेवा संस्थान सेवा द्वारा आयोजित हुई कार्यशाला
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सिद्धार्थनगर। मानव सेवा संस्थान सेवा और क्रॉस बॉर्डर एंटी ट्रैफिकिंग नेटवर्क के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘बाल दुर्व्यवहार की रोकथाम के लिए विश्व बाल शोषण रोकथाम दिवस के उपलक्ष्य में मंगलवार को एक दिवसीय कार्यशाला ब्लाक सभागार नौगढ़ में सम्पन्न हुआ।
कार्यशाला के संदर्भ में विस्तृत प्रस्तावना रखते हुए संस्थान के समन्वयक जय प्रकाश गुप्ता ने बताया कि वर्तमान समय में दुनियाॅ के अंदर बढ़ती बच्चों के प्रति हिंसा की घटनाएं चिन्ता का विषय है, इनके खिलाफ बच्चों को लक्षित करने वाले बाल दुर्व्यवहार और साइबर अपराधों के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ाना और सहयोगात्मक कार्रवाई को बढ़ावा देने के उदेश्य से देना नितांत आवश्यक है।
जिसके लिए संस्थान के तरफ से सार्क देशों के साथ भारत के 6 राज्यों के 26 जिलों में विशेष रूप से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सीबीएटीएन समूह के साथ जुड़े संस्थानों के सहयोग से किया जा रहा है। जिससे की सीमा पार जिलों में महिलाओं और बच्चों के लिए हिंसा मुक्त वातावरण स्थापित किया जा सके।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष अनिल सिंह ने कहाॅ कि बाल दुर्व्यवहार की रोकथाम के लिए विश्व बाल शोषण रोकथाम दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों को लक्षित करने वाले बाल दुर्व्यवहार और साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना और सहयोगात्मक कार्रवाई को बढ़ावा देना है।
इस दौरान सिविल सिद्धार्थ बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं समाजसेवी अधिवक्ता अखण्ड प्रताप सिंह ने अपना विचार रखते हुए कहाॅ कि बच्चों केा साईबर अपराध से बचाने के लिए सभी को जागरूक एवं सतर्क रहना चाहिए। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए श्रम प्रवर्तन अधिकारी उज्ज्वल त्रिपाठी ने कहा कि बच्चों को उनके अधिकारों को दिलाने के लिए हम सभी को प्रयास करना चाहिए, जागरूकता के लिए समुदाय के प्रबुद्ध वर्ग को आगे आना होगा। और बच्चो के प्रति सभी को संवेदनशील होने की जरूरत है।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए साइबर क्राइम थाना के मुख्य आरक्षी दिलीप द्विवेदी ने लोगों के बीच चर्चा करते हुए बताया कि वर्तमान समय में बाल पोर्नोग्राफी के मामले सामने आ रहे है। जिसमें बच्चों के अश्लील वीडियो बनाए जाने और टेलीग्राम ऐप और अन्य के माध्यम से बेचे जा रहे है।
हमें इस बात के लिए सजग एवं सचेत रहते हुए बच्चों को ऑनलाइन शोषण से बचाने के लिए जागरूकता और मजबूत हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता है, जिसमें समुदाय का सहयोग आवश्यक है। एएचटीयू के उपनिरीक्षक सुनील कुमार सिंह ने मानव तस्करी से बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
चिल्ड्रन एजुकेशन गार्डेन पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल पवन कुमार जायसवाल ने गुड टच, बैड टच के बारे में जागरूक किया। कार्यशाला को चिकित्साधिकारी डॉ. एफ एस तमन्ना, विद्या एकेडमी के प्रिंसिपल ब्रजेश पाण्डेय, लाइब्रेरियन एवं समाज सेवी धीरज गुप्ता, समाजसेवी राणा प्रताप सिंह, इ. अमन शर्मा, ने बच्चों हेतु साइबर सुरक्षा के बारे में विस्तृत जाकारी दी।
कार्यशाला में चिन्ता व्यक्त किया गया कि वर्तमान समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म की भूमिका भी चिन्ताजनक हैं, इसके रोकथाम के लिए समुदायों को शिक्षित करने और पेशेवरों को ऐसे दुर्व्यवहारों को पहचानने, रिपोर्ट करने और रोकने के लिए जागरूक एवं उपकरणों से लैस होना होगा।
कार्यशाला में बच्चों को लक्षित करने वाले साइबर अपराधों की आवृत्ति और जोखिमों की जानकारी ,य बाल दुर्व्यवहार से जुड़े साइबर अपराधों से संबंधित रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं और कानूनी ढाँचों के बारे में जानकारी, परिवारों और बच्चों के साथ काम करने वाले पेशेवरों के लिए हस्तक्षेप तकनिकों और निवारक युक्तियों पर चर्चा, पीड़ित और परिवार सहायता नेटवर्क पर जानकारी प्रदान किया गया।
मानव सेवा संस्थान सेवा एवं क्रॉस बॉर्डर एंटी ट्रैफिकिंग नेटवर्क के द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में मुख्य रूप से मानव सेवा संस्थान सेवा के संदीप कुमार मद्धेशिया, आनन्द, एडीओ आइएसबी राम बहादुर चौधरी, बीएमएम रजनीश तिवारी, सुशीला, साइबर क्राइम के आरक्षी विशाल तिवारी, एएचटीयू के आशुतोष सिंह, समाजसेवी सिद्धार्थ गौतम, एडवोकेट भूपनारायण सिंह, सेक्रेटरी गायत्री देवी, कलीमुज्जफर,
अभिनव ओझा, ग्राम प्रधान इ. प्रदीप चौधरी, महेंद्र यादव, दूधनाथ यादव, मुनिराम, अमजद अली, वजहुल कमर, प्रधान प्रतिनिधि अरविंद पांडेय, सुनील कुमार, विमलकान्त, प्रमोद कुमार, विक्रम सिंह, अमन शर्मा, प्रदीप निषाद, निर्मला, प्रीती, सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ, प्रदीप,आदि प्रमुखरूप से उपस्थित रहे।