सरकारी रूपये की बरबादी के सिवा बेमतलब है सरयू नहर की बांसी शाखा
महेंद्र कुमार गौतम
बांसी सिद्धार्थनगर
चाहे गेहूं में पानी की आवश्यकता हो या धान की सिंचाई लेकिन अरबों रुपए खर्च कर बनी सरयू नहर की मुख्य शाखा हमेशा बेपानी ही रहती है। हर बार बेसमय इसमें पानी आता है जिसका कोई आवश्यकता नहीं होती उस पर भी माइनर के टेल तक भी पानी नहीं पहुंच पा रहा जबकि सफाई के नाम पर हमेशा सरकारी पैसे का बंदरबांट जारी रहता है। लेकिन जब तक कपिलवस्तु पोस्ट की न्यूज यहां के अधिकारियों के आंख के सामने नही पड़ती तब तक नहर में पानी है या सिल्ट जमा है इन्हे पता ही नही रहता।
बताते चलें कि वर्तमान में गेंहू की फसल पक कर कटाई शुरू है,और अक्सर इस समय आगजनी का मौसम शुरू हो चुका है और सारे तालाब पोखरे सूख चुके हैं, पशुओं को नहलाने तक का पानी नहीं बचा है और अगर ऐसी दशा में एक चिंगारी पूरे क्षेत्र के किसानों के फसलों को चंद पलों में राख कर सकती है लेकिन अगर मौके पर दमकल की गाड़ियां या पंपिंग सेट से भी आग बुझाना हो तो पानी के लिए बोरिंग खोजना होगा तब तक काफी देर हो चुकी होगी।
ऐसी दशा में क्षेत्रीय ग्रामीण और पूर्व जिला पंचायत सदस्य हजारी लाल चौधरी का कहना है की सरयू नहर के कुंभकर्णी नींद से जगाने के लिए बार बार टोकना पड़ता है फिर भी नहीं इनपर कोई असर नही होता।साथ ही अन्य ग्रामीणों ने तत्काल नहर में पानी छोड़ने के लिए प्रशासन से मांग की है।