Skip to content

वृज वासिनि गिरी
विधि संवाददाता
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि के संबंध में अपने पूर्व के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को एक माह का अतिरिक्त समय दिया है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया है कि वे अगली सुनवाई की तिथि, 1 मई 2025 तक, आदेश के अनुपालन में एक हलफनामा प्रस्तुत करें। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने वाराणसी के विवेकानंद द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
बताते चलें कि शिक्षामित्रों ने 2023 में समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने अपने मानदेय को न्यूनतम बताते हुए इसे बढ़ाने की मांग की थी। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को एक समिति गठित करने और शिक्षामित्रों के लिए एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने का निर्देश दिया था।
हालांकि, सरकार की ओर से इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण, याचियों ने अवमानना याचिका दायर की।
अवमानना याचिका पर सुनवाई:
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि मानदेय में वृद्धि के संबंध में संबंधित विभागों के बीच परामर्श अभी जारी है। उन्होंने कोर्ट के पूर्व के आदेश का अनुपालन करने के लिए दो माह का अतिरिक्त समय देने की प्रार्थना की।
हालांकि, कोर्ट ने इस प्रार्थना को स्वीकार करते हुए सरकार को केवल एक माह का समय दिया और अगली सुनवाई की तिथि 1 मई 2025 निर्धारित की।
कोर्ट का निर्देश:
न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने स्पष्ट किया कि सरकार को शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि के संबंध में तत्काल कदम उठाने होंगे।
कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया कि वे 1 मई 2025 तक एक हलफनामा प्रस्तुत करें, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि सरकार ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं और मानदेय में वृद्धि के संबंध में क्या निर्णय लिया गया है।
याचियों की ओर से तर्क:
याचियों की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षामित्रों को उनके कार्य के अनुरूप सम्मानजनक मानदेय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट के पूर्व के आदेश के बावजूद सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिसके कारण शिक्षामित्रों को न्याय मिलने में देरी हो रही है।
सरकार की ओर से जवाब:
राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि मानदेय में वृद्धि के संबंध में विभिन्न विभागों के बीच परामर्श जारी है और इस मामले में जल्द ही एक निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कोर्ट से अतिरिक्त समय देने की प्रार्थना की, ताकि सरकार इस मामले पर अंतिम निर्णय ले सके।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि के मामले में सरकार को एक माह का अतिरिक्त समय दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार को इस मामले में तत्काल कदम उठाने होंगे और अगली सुनवाई की तिथि 1 मई 2025 निर्धारित की है। इस दौरान, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए एक हलफनामा प्रस्तुत करना होगा।
यह मामला शिक्षामित्रों के हितों से जुड़ा हुआ है और इसका निराकरण शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाले हजारों शिक्षामित्रों के लिए महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने इस मामले में सरकार को गंभीरता से कदम उठाने का निर्देश दिया है, ताकि शिक्षामित्रों को उनके कार्य के अनुरूप सम्मानजनक मानदेय मिल सके।
error: Content is protected !!