धान खरीब सिद्धार्थ नगर में भुगतान सीवान, बक्सर, मोतिहारी, मधुबनी, अररिया, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, रायगंज, औरंगाबाद, सिलीगुड़ी और कोलकाता, घोटाला को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से उच्च स्तरीय जांच की मांग की

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सिद्धार्थनगर, सिद्धार्थनगर जिले में हुए बहुचर्चित धान-गेहूं खरीद घोटाले का मामला अब मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस गंभीर प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने पत्र के साथ आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में प्रकाशित सिलसिलेवार खबरों को भी संलग्न किया है, जिनमें इस घोटाले की परत-दर-परत पोल खोली गई है।

नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि सिद्धार्थनगर जिले में पीसीएफ (प्राथमिक कोआपरेटिव सोसाइटी) द्वारा की गई धान-गेहूं खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। वित्तीय वर्ष 2023-24 की विभागीय जांच में यह सामने आया कि बैंक स्टेटमेंट के अनुसार करीब 200 फर्जी खातों में करोड़ों रुपये का गबन किया गया है। हैरान करने वाली बात यह है कि भुगतान सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि बलिया, बुलंदशहर, बस्ती, महराजगंज जैसे जिलों के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों के खातों में भी किया गया है।

बिहार और पश्चिम बंगाल के खातों में भेजे गए करोड़ों रुपये
घोटाले की पड़ताल में यह तथ्य सामने आया कि गेहूं और धान परचेज खातों से सीवान, बक्सर, मोतिहारी, मधुबनी, अररिया, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, रायगंज, औरंगाबाद, सिलीगुड़ी और कोलकाता समेत कई अन्य स्थानों के बैंक खातों में भी गड़बड़ी से भुगतान किए गए हैं। यह मामला वित्तीय अनियमितताओं की पराकाष्ठा को दर्शाता है और इसमें बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने की आशंका प्रबल है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जांच की मांग
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की धान-गेहूं खरीद और भुगतान प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। इस भ्रष्टाचार में संलिप्त सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और बिचौलियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में किसानों के हक पर डाका डालने की पुनरावृत्ति न हो।

हिन्दुस्तान की खबरों ने खोली घोटाले की परतें
बताते चलें कि हिन्दुस्तान अखबार के जांबाज रिपोर्टर ने लगातार इस घोटाले की परतें उजागर कर रहा है। अखबार की सिलसिलेवार रिपोर्टिंग ने पूरे जिले में हलचल मचा दी है। हिंदुस्तान की खबरों को संज्ञान में लेते हुए ही नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

भ्रष्टाचार पर लंबी लंबी हांकने वाली सरकार इस गड़बड़ी पर क्या कदम उठाती है और दोषियों को कब तक न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाता है।

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