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शोहरतगढ़ के पकड़ी बभनी में भी अस्पतालों की जांच नहीं हुई जल्दी ही इस तरह के शुभ समाचार के इंतजार में है प्रशासन
मिठऊवा चौराहे पर 17 डिग्रीधारी डॉक्टर की भी बहुत चर्चा है ?
Kapilvastupost
मिश्रौलिया: मिश्रौलिया थाना क्षेत्र के बढ़या चौराहे पर स्थित जनसेवा अस्पताल में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है, जहां गर्भपात के दौरान एक गर्भवती महिला की मौत हो गई।
मृतका की पहचान बाजारडीह गांव निवासी 24 वर्षीय शारजहां, पत्नी सुन्नत अली के रूप में हुई है। वह तीन माह की गर्भवती थी।
घटना की सूचना मिलते ही परिजनों ने प्रशासन से शिकायत की, जिसके बाद एसडीएम इटवा कुणाल, सीएचसी अधीक्षक खुनियांव पीएन यादव और मिश्रौलिया पुलिस की टीम मौके पर पहुंची।
जांच के दौरान पाया गया कि अस्पताल का संचालक विनोद अवैध रूप से अस्पताल चला रहा था। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जनसेवा अस्पताल को सील कर दिया।
इसके अलावा, अस्पताल के सामने स्थित न्यू भारत पैथोलॉजी को भी सील कर दिया गया, जिस पर पहले से ही आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज थी।
प्रशासन पर उठे सवाल, जांच में लीपापोती का आरोप
इस पूरे मामले में प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। अभी हाल ही में जिलाधिकारी के आदेश पर जिले के विभिन्न अस्पतालों की जांच कराई गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह महज लीपापोती थी और अस्पतालों की सही तरीके से जांच नहीं की गई। बावजूद इसके, अवैध रूप से संचालित अस्पतालों और पैथोलॉजी केंद्रों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक, जनसेवा अस्पताल और न्यू भारत पैथोलॉजी लंबे समय से अवैध रूप से संचालित हो रहे थे, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण अब तक इन्हें खुली छूट मिली हुई थी।
सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन को पहले से इन अनियमितताओं की जानकारी नहीं थी? यदि थी, तो अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
एसडीएम इटवा कुणाल ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि यह कार्रवाई कितनी प्रभावी होती है या फिर अन्य मामलों की तरह यह भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
स्थानीय लोग अब इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं ताकि इस तरह की लापरवाहियों को रोका जा सके।
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