सिद्धार्थनगर जिले के लोटन कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत खरीडीहा गांव में एक साहसी दुल्हन ने लालचियों के खिलाफ ऐसी मिसाल पेश की है, जो समाज के लिए प्रेरणा बन सकती है। बुधवार रात त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के झगडिहवा गांव से आई बारात को दुल्हन ने विदाई से साफ इनकार कर वापस लौटा दिया। वजह थी – निकाह के बाद दूल्हा पक्ष द्वारा दो लाख रुपये नकद की अतिरिक्त मांग।
खरीडीहा गांव निवासी लायक अली की बेटी का निकाह तय था शहबाज अली पुत्र साबिर अली से। बारात धूमधाम से आई, स्वागत सत्कार हुआ और रस्मे पूरी की गईं। निकाह के बाद जब दूल्हा पक्ष ने पहले से तय दहेज के अलावा दो लाख रुपये और नकद की मांग रख दी, तो माहौल तनावपूर्ण हो गया।
दुल्हन को जैसे ही इस लालच की जानकारी हुई, उसने निडरता के साथ दूल्हा पक्ष को स्पष्ट कह दिया कि वह ऐसे लालची लोगों के घर नहीं जाएगी। उसने कहा – “अगर आज ये लोग पैसे के बिना खाना नहीं खा रहे और विदाई नहीं ले जा रहे, तो कल मुझे कैसे सम्मान देंगे?” दुल्हन के इस फैसले से पूरा परिवार और गांव स्तब्ध रह गया, लेकिन लोग उसकी हिम्मत की सराहना करने लगे।
दुल्हन के पिता लायक अली ने बताया कि पहले ही पांच लाख रुपये व एक बाइक की मांग पूरी करने के लिए उन्होंने खेत रेहन रख दिए थे। इसके बावजूद दो लाख और मांगना सरासर अन्याय है। उन्होंने लोटन पुलिस को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है।
हालांकि, थानाध्यक्ष डीके सरोज का कहना है कि तहरीर नहीं मिली है, दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया है। लेकिन गांव और समाज में इस दुल्हन के साहस की चर्चा जोरों पर है।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि नारी अब केवल सहने वाली नहीं, बल्कि अत्याचार के खिलाफ डटकर खड़ी होने वाली शक्ति भी है।