गांधी नगर वार्ड, मिल कॉलोनी में वर्षों पुराने सार्वजनिक रास्ते और नाली पर अवैध कब्जा, स्थानीय लोगों ने उपजिलाधिकारी से की शिकायत

जमीन से सटे स्थानीय निवासी गली की चौड़ाई बढ़ाने की कर रहे मांग – उपजिलाधिकारी को दिया शिकायती पत्र

kapilvastupost 

शोहरतगढ़, सिद्धार्थ नगर 
गांधी नगर वार्ड स्थित मिल कॉलोनी में पिछले कई दशकों से प्रयोग में लाई जा रही सार्वजनिक नाली और रास्ते को अवैध रूप से बंद किए जाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में मोहल्ले के जागरूक नागरिकों ने उपजिलाधिकारी शोहरतगढ़ को एक लिखित प्रार्थना पत्र सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मिल कॉलोनी निवासी टोनी पुत्र कमलेश कुमार एवं शाहीदुन निशा पत्नी स्व. मुख्तार अहमद सहित अन्य लोगों ने उपजिलाधिकारी को दिए अपने शिकायती पत्र में बताया है कि उनके घरों के पीछे एक सार्वजनिक नाली एवं रास्ता पिछले 40 वर्षों से अधिक समय से प्रयोग में है, जो जल निकासी के साथ-साथ आवागमन का भी मार्ग रहा है।

मोहल्ले वालों का आरोप है हाल ही में कुछ व्यक्तियों द्वारा उक्त नाली और रास्ते पर अवैध रूप से मिट्टी डालकर उसे बंद कर दिया गया है। न तो इस कार्य के लिए फील्ड बुक की प्रक्रिया अपनाई गई है, न ही धारा 24 के अंतर्गत कोई वैधानिक कार्यवाही हुई है, और न ही “लाल पत्थर” का सीमांकन किया गया है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि नाली और रास्ते को बंद किए जाने से जलजमाव की स्थिति बन रही है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने का खतरा है। इसके साथ ही मोहल्ले के लोगों के लिए आवागमन भी बाधित हो गया है।

प्रार्थना पत्र में उपजिलाधिकारी से मांग की गई है कि:

तत्काल प्रभाव से अवैध निर्माण कार्य रुकवाया जाए,

वर्षों पुराने रास्ते और नाली की पूर्व स्थिति बहाल की जाए|
जब इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी शोहरतगढ़ से बात की गयी तो उन्होंने कहा व्यव्हार पूर्ण तरीके से मामले का हल निकल जायेगा |

बहरहाल मोहल्ले वाले बताते हैं कि उक्त जमीन सीलिंग की है | डॉक्यूमेंट के अनुसार जमीन किसी व्यक्ति के नाम से दर्ज है | यदि यह भूमि सीलिंग की है तो वह किस कानून के तहत किसी के नाम से हो सकता है| नगर पंचायत प्रशासन या तहसील प्रशासन धारा 41 और 45 के रिकॉर्ड से जमीन की वैध स्थिति, स्वामित्व और हालिया ट्रांजेक्शन की जानकारी कर सकता है। यह भूमि जांच (तहकीकात) का एक अहम हिस्सा माना जाता है।  

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