बढ़नी में बेसहारा गोवंश बन रहे सड़क हादसों का शिकार — योजनाएं कागज़ों में सीमित, जिम्मेदार बेखबर

यदि प्रशासन ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो यह संकट और गहरा सकता है, और सवाल सिर्फ जानवरों की नहीं, आम नागरिकों की जान की भी होगी।

गुरु जी की कलम से 

बढ़नी, सिद्धार्थनगर | 
नगर पंचायत बढ़नी में सड़कों पर बेसहारा घूमते गोवंशों की दर्दनाक हालत किसी से छिपी नहीं है। आए दिन हो रहे दुर्घटनाओं में गायों की मौत और गंभीर चोटें आम हो गई हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन और नगर पंचायत की चुप्पी ने हालात और भी चिंताजनक बना दिए हैं।

शनिवार रात लगभग 10 बजे माल गोदाम रोड पर एक बेसहारा गाय को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल गोवंश घंटों सड़क पर तड़पता रहा, लेकिन न तो प्रशासन ने कोई संज्ञान लिया, न ही नगर पंचायत का कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुंचा।

घटना की सूचना मिलते ही पूर्व जिला उपाध्यक्ष विनीत कमलापुरी मौके पर पहुंचे और उन्होंने तत्काल पशु चिकित्सा विभाग को फोन कर डॉक्टर को बुलवाया। डॉक्टर ने मौके पर पहुंचकर घायल गोवंश का इलाज व पट्टी की।

स्थानीय नागरिकों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार भले ही गोवंश संरक्षण के लिए तमाम योजनाएं चला रही है, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि वे योजनाएं केवल कागजों तक ही सीमित हैं।

क्षेत्र में दर्जन भर गोशाला होने के बावजूद बड़ी संख्या में गायें मुख्य बाजार, सड़क किनारे और सार्वजनिक स्थलों पर भटकती नजर आती हैं। सड़कों पर खड़े ये गोवंश रोज़ भारी वाहनों की चपेट में आ रहे हैं, जिससे आमजन की सुरक्षा भी खतरे में पड़ रही है।

सवाल उठ रहे हैं जब हर जगह गोशाला है , तो बेसहारा गोवंश सड़कों पर क्यों ? अब तक  गोवंशों को आश्रय क्यों नहीं दिया ? दुर्घटना के शिकार हो रहे इन मूक प्राणियों की ज़िम्मेदारी कौन लेगा?

स्थानीय लोगों ने नगर पंचायत अध्यक्ष से मांग की है कि एक बार फिर से एक अभियान चला कर सड़कों गलियों बाज़ारों में घूम रहे आवारा पशुओं / गोवंशों को सुरक्षित रूप से आश्रय स्थल में पहुंचाया जाएजिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय हो |

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