बढ़नी, सिद्धार्थनगर।
भारत-नेपाल सीमा से सटे बढ़नी नगर पंचायत व आसपास के इलाकों में नकली और नारकोटिक्स दवाओं के अवैध कारोबार का जाल तेजी से फैलता जा रहा है। सीमावर्ती मेडिकल स्टोर्स पर जीवन रक्षक दवाओं की डुप्लीकेट व नकली दवाएं खुलेआम बेची जा रही हैं। लोगों का कहना है कि डॉक्टर की सलाह पर ली जाने वाली इन नकली दवाओं के कारण मरीजों की जान पर खतरा मंडरा रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि नकली दवाओं के इस गोरखधंधे को रोकने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों पर है, उनमें से कई लोगों की भूमिका संदेह के घेरे में बताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो बढ़नी क्षेत्र में नकली दवा माफिया का बड़ा सिंडीकेट सक्रिय है, जो न केवल स्थानीय स्तर पर मरीजों को नकली दवाएं बेच रहा है, बल्कि इन दवाओं की नेपाल तक तस्करी भी की जा रही है।
जानकारों का दावा है कि इस अवैध धंधे में कुछ सफेदपोश भी शामिल हैं, जो अपनी दुकानों के माध्यम से फुटकर में नकली दवाएं बेचकर मालामाल हो रहे हैं। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि कई दवाओं में जीवन रक्षक और नशे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नारकोटिक्स दवाएं भी शामिल हैं।
कस्बे में कई मेडिकल स्टोर्स बिना लाइसेंस और बिना फार्मासिस्ट के संचालित हो रहे हैं। वहीं कुछ चर्चित स्टोर्स पर नारकोटिक्स दवाएं बिना डॉक्टर की पर्ची के ही धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। बताया जा रहा है कि नशे के आदी युवाओं को ये दवाएं कई गुना महंगे दामों पर बेची जाती हैं। इस धंधे से जुड़े लोग लाखों रुपये कमा रहे हैं।
प्रशासन जागा, जांच की तैयारी
इस पूरे मामले में ड्रग इंस्पेक्टर नवीन कुमार ने दूरभाष पर बताया कि उन्हें नकली और नारकोटिक्स दवाओं की बिक्री की सूचना मिली है। जल्द ही अभियान चलाकर पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। कुछ दिन पहले कुछ दुकानों से दवाओं के सैंपल लिए गए थे, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है। यदि सैंपल रिपोर्ट में दवाएं मानक के अनुरूप नहीं पाई गईं, तो संबंधित दुकानदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों की मांग
लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बढ़नी और आसपास के मेडिकल स्टोर्स की तत्काल सघन जांच कर नकली, डुप्लीकेट व नशे की दवाओं की बिक्री पर रोक लगाई जाए, ताकि मासूम लोगों की जान से खिलवाड़ बंद हो और नेपाल सीमा पर चल रहे तस्करी के सिंडीकेट पर भी नकेल कसी जा सके।