सिद्धार्थ विश्वविद्यालय आजादी का अमृत महोत्सव : धैर्य और संयम के संतुलन से किसी भी समस्या से निजात पा सकते हैं।
जे पी गुप्ता
सिद्धार्थनगर। आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में मंगलवार को सिद्धार्थ विश्वविधालय कपिलवस्तु सिद्धार्थ नगर के इतिहास विभाग द्वारा द्वारा 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के उपलक्ष्य में शहीदों की अमरगाथा एवं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पण करने हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में छात्र, छात्राओं द्वारा प्रतिभाग करते हुए शहीदों के स्मरण में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा गया कि हमें उस समय के ब्रिटिश सरकार के अत्याचार को सदैव याद रखते हुए 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के प्रति हृदय में स्थान बनाए रखना चाहिए।
कार्यक्रम में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ नीता यादव, अध्यक्ष प्राचीन इतिहास, पुरातत्त्व एवं संस्कृति विभाग द्वारा कहा गया कि हमें अंग्रेजों की हड़प नीति एवं सहायक सन्धि को भली भांति समझने की जरूरत थी लेकिन हम उनके दुर्भाव को देर से समझ सके,।
डॉ सुनीता त्रिपाठी अध्यक्ष लोक प्रशासन विभाग एवं सह अधिष्ठाता कला संकाय ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को प्रथम सिपाही विद्रोह एवं जन विद्रोह के रूप में स्वीकार करते हुऐ इस पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता की भूमिका का निर्वहन करते हुए डॉ सच्चिदानन्द चौबे अध्यक्ष इतिहास विभाग एवं समन्वयक दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जाना केवल इस कारण से ही प्रासंगिक नहीं है कि यह हमें उस समय की दशा व हालात से अवगत कराता है बल्कि आज के समय में कैसे अपने राष्ट्र हित की रक्षा एवं उत्थान पर विचार किया जाना सुनिश्चित हो, इस पर भी ध्यान आकृष्ट करता है ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो हरीश कुमार शर्मा अधिष्ठाता कला संकाय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के क्रम में 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर है बल्कि इससे हमें अपने इतिहास को समझने व जानने की जरूरत है। इन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में धैर्य और संयम का संतुलन बनाए रखना चाहिए, जिससे हम किसी भी समस्या से निजात पा सकते हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ यशवन्त यादव , सहायक आचार्य, इतिहास विभाग द्वारा किया गया। तथा धन्यवाद एवं आभार ज्ञापन डॉ ह्रदय कांत पाण्डेय, प्रभारी अंग्रेजी विभाग द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ अविनाश प्रताप सिंह, डॉ धर्मेन्द्र कुमार , डॉ हरेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ अमित कुमार साहनी, डॉ जय सिंह यादव , डॉ शारदेंदु कुमार त्रिपाठी, डॉ आभा द्विवेदी , आदि सभी विभागों के शिक्षक गण और बैंक प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।