हिंसा के आरोपियों पर यूपी पुलिस की कार्रवाई पर विपक्षी दलों ने जताया विरोध

महेन्द्र कुमार गौतम

पैगंबर मोहम्मद पर नृपुर शर्मा के बयान के बाद देशभर में विरोध-प्रदर्शन सामने आरहा है। शुक्रवार को यूपी सहित कई राज्यों में हिंसा और बवाल देखने को मिला। इसके बाद से यूपी सरकार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। इस मामले में अब विपक्ष के नेताओं के बयान आने लगे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश से लेकर अन्य दलों के नेताओं ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। सपा अध्यक्ष यादव ने वीडियो शेयर किया, जिसमें कुछ युवकों की पुलिस वाले पिटाई कर रहे हैं। अखिलेश ने लिखा, उठने चाहिए ऐसी हवालात पर सवालात, नहीं तब इंसाफ खो देगा अपना इकबाल। उन्होंने कहा, यूपी हिरासत में मौतों के मामले में नंबर- हैं । यूपी मानवाधिकार हनन में अव्वल है। यूपी दलित उत्पीड़न में सबसे आगे है। इससे पहले अखिलेश ने कहा था कि वक्त रहते ही उठाए हुए कदम, भर देते हैं गहरे-से-गहरे जख्म। वहीं, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने लिखा, भाजपा शासन में बुलडोजर सिर्फ मकानों को ध्वस्त नहीं कर रहा है, बल्कि संविधान और अदालत को भी तार- तार कर रहा है। सवाल यह है कि जिनके मकान ध्वस्त किए गए हैं, कल अगर वे अदालत से बरी हो जाते हैं, तब उनके मकानों को तोड़ने वाले अधिकारियों से उनके नुकसान की वसूली की जाएगी ? वहीं, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अगर नृपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पहले ही गिरफ्तार कर लिया होता, तब यूपी में हिंसा से बचा जा सकता था। उन्होंने बीजेपी सरकार पर विवादित टिप्पणी करने वाले लोगों को बचाने का आरोप लगाया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंसा की खबरों के बीच कहा कि भारत ने हमेशा दुनिया के सामने सच्चाई, अहिंसा और भाईचारे की मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि नफरत और अशांति हमारा रास्ता नहीं है। राहुल ने कहा कि बापू के आदर्श ही स्वतंत्र भारत की नींव हैं। हमारे देश ने सदा विश्व के सामने सत्य, अहिंसा और भाईचारे की मिसाल कायम की है। नफरत और अशांति हमारी राह नहीं है। भारत को जोड़ना, आपसी सद्धावना रखना सभी देशवासियों की जिम्मेदारी है।

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