कुलपति के एक वर्ष कार्यकाल पूर्ण होने पर आयोजित हुआ सम्मान समारोह

जे पी गुप्ता

सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव का एक वर्ष के कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर शुक्रवार को विश्वविद्यालय में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर शिक्षकों अधिकारियों कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफ़ेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक की पहचान उसके छात्र से होती है और दोनों की पहचान से कुलपति की पहचान जुड़ी होती है। तीनों मिलकर संस्थान के उच्चतम शिखर को तय करते हैं। जितना योग्य शिक्षक होगा उतना ही बुद्धिमान विद्यार्थी होगा और गुनी शिक्षक और गुनी विद्यार्थी मिलकर शिक्षण संस्थान के भविष्य का निर्धारण करते हैं।

उन्होंने कहा कि कुशल प्रशासक के लिए आवश्यक है कि वह संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करें। और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों, अधिकारियों, शिक्षकों के प्रति आत्मीयता का भाव रखें। नेक नियत और संस्थान के प्रति पवित्र दृष्टि संस्थानों की प्रगति का आधार होती है। अपने अधीनस्थों की क्षमता को पहचानना और उनके अनुसार उनको कार्य के लिए प्रेरित करना प्रशासक की सफलता का बड़ा राज है। विगत 1 वर्षों में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय ने जो प्रगति की है, उस में सर्वाधिक योगदान यहां कार्य कर रहे शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और अध्धयन कर रहे विद्यार्थियों का है ।

शासन स्तर पर निरंतर सहयोग प्राप्त हो रहा है। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में विज्ञान के शिक्षकों की नियुक्ति से भविष्य में अवसर के नित नए आयाम स्थापित होंगे। शिक्षक के लिए निरंतर शोधकार्य करते रहना महत्वपूर्ण है ।विद्यार्थी पूरी तन्मयता के साथ अध्ययन करें अधिकारी और कर्मचारी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहे। निश्चित ही सुदूर नेपाल सीमा पर स्थित इस उच्च शिक्षण संस्थान को राष्ट्रीय पहचान मिल सकेगी।

इस दौरान कुल सचिव राकेश कुमार, अधिष्ठाता कला संकाय प्रोफेसर हरीश कुमार शर्मा, वित्त अधिकारी अजय सोनकर, प्रोफेसर सुशील तिवारी, डॉक्टर पूर्णेश नारायण सिंह, सहायक कुलसचिव दीनानाथ यादव, डॉ अविनाश प्रताप सिंह सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक कर्मचारी तथा संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक प्रबंधक उपस्थित रहे।

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